Sunday, June 4, 2017

एनआइए ने आतंकी फंडिंग के मामले में की छापेमारी; आतंकियों-अलगाववादियों की मिलीभगत के मिले सबूत

राष्ट्रीय जांच एजेंसी को कश्मीर के अलगाववादी नेताओं और आतंकियों की मिलीभगत के ठोस सुबूत मिले हैं। अब तक अलगाववादी नेता खुद को आतंकी गतिविधियों से दूर दिखाने का प्रयास करते थे। लेकिन,
अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर मारे गए छापे के दौरान एनआइए को बड़ी संख्या में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्करे तैयबा के लेटर हेड मिले हैं। इसके आधार पर इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। आतंकी फंडिंग का पता लगाने के लिए एनआइए ने शनिवार को कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा में 22 जगहों पर छापा मारा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एनआइए के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान 1.15 करोड़ रुपये नकद, करोड़ों की चल-अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज के अलावा लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के लेटर हेड, पेन ड्राइव और लैपटॉप जब्त किए गए हैं। छापेमारी के दौरान आतंकी फंडिंग के नए स्नोतों का पता चला और बाद में उन जगहों पर भी छानबीन शुरू कर दी गई। एनआइए ने पाक से होने वाली आतंकी फंडिंग पर एक स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर केस दर्ज किया था।
  • अलगाववादी नेताओं के घर से मिले लश्कर, हिजबुल के लेटरहेड
  • 1.15 करोड़ नकद और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पाकिस्तान से होने वाले आतंकी फंडिंग के रास्ते की पहचान कर ली है।
  • पैसा पाकिस्तान से सऊदी अरब और उसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका के रास्ते दिल्ली तक आता है।
  • पाकिस्तान से लेकर दिल्ली तक आतंकी फंडिंग का काम इन देशों के हवाला ऑपरेटरों के जरिये होता है। 
  • इसके बाद दिल्ली और हरियाणा के व्यापारियों की मदद से पैसा कश्मीर में अलगाववादियों तक पहुंचाया जाता है।
  • इन व्यापारियों और हवाला ऑपरेटरों की पहचान हो चुकी है। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
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