Thursday, June 8, 2017

मुख्यधारा में लौटा कॉलेज का छात्र रहा आतंकी

गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर निकले स्थानीय युवकों को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों के चलते उत्तरी कश्मीर के दानिश अहमद ने बंदूक छोड़ सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। दानिश वर्ष 2016 तक
दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था, लेकिन बाद में उसने आतंकवाद का रास्ता चुना। दानिश वही आतंकी है, जो पिछले माह 28 मई को त्रल में आतंकी सब्जार के जनाजे में हथियारों संग नजर आया था। अब उसके पुनर्वास की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दानिश अहमद उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा से सटे कुलनगाम के रहने वाले फारूक अहमद का बेटा है। दानिश वर्ष 2016 में वादी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पत्थरबाजी के सिलसिले में पकड़ा गया था, लेकिन उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उसे समझाने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया था। कुछ समय पूर्व वह अचानक घर से गायब होकर आतंकी बन गया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा था कि वह कहां सक्रिय है। कश्मीर में है या सरहद पार चला गया है। परिजन भी मानने को तैयार नहीं थे कि उनका बेटा आतंकी बन चुका है। सुरक्षा एजेंसियां भी उसके आतंकी बनने को लेकर संशय में थी, क्योंकि उसकी कोई तस्वीर या वीडियो ऐसा नहीं था जो आतंकी बनने की पुष्टि करता।
सुरक्षा एजेंसियां उसे तलाश रही थीं कि गत 28 मई को दक्षिण कश्मीर के रठसुना (त्रल) में आतंकी सब्जार के जनाजे में एक आतंकी आया। सेना और राज्य पुलिस के अधिकारियों ने दानिश के पिता व दोस्तों से संपर्क किया। अधिकारियों ने उन्हें यकीन दिलाया कि वह दानिश से किसी तरह संपर्क करें और उसे मुख्यधारा में लौटने के लिए मनाएं। अगर वह ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कोई कठोर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, उसे पूरा इंसाफ मिलेगा।
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साभार: जागरण समाचार 
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