भारतने शुक्रवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएसएलवी-सी38 रॉकेट के जरिए कार्टोसैट-2 सहित
30 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कार्टासैट-2 को 'स्मार्ट आई इन दी स्काई' कहा गया है। यह अासमान से बाज की तरह हमारी सीमा की रखवाली करेगा। कार्टोसैट -2 सीरीज के इस तीसेर उपग्रह द्वारा भेजी गई तस्वीरें ज्यादा साफ और स्पष्ट होंगी। इस उपग्रह द्वारा भेजी गई तस्वीरों का रिज्यॉलूशन 0.6 मीटर होगा। इसका मतलब है कि यह छोटी से छोटी चीजों की भी टोह ले सकेगा। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि इससे देश की सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी। इस उपग्रह के जरिए सीमा के आसपास के इलाके में आतंकी कैंप बंकरों के साथ ही किसी तरह के जमावड़े की तुरंत पहचान की जा सकेगी। जब यह उपग्रह पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा तो इसे रक्षा बलों को सौंप दिया जाएगा।
एक ही रॉकेट से कई उपग्रह भेजने का दूसरा बड़ा मिशन: एक ही रॉकेट से कई उपग्रह भेजने का इसरो का यह दूसरा सबसे बड़ा मिशन था। इससे पहले इस साल 15 फरवरी को इसरो ने पीएसएलवी-सी37 के जरिए अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजे थे। इनमें से 101 सैटेलाइट दूसरे देशों के थे। शुक्रवार को 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह इसरो ने अंतरिक्ष में भेजे। इन देशों में अमेरिका, जर्मनी, जापान, इटली और ब्रिटेन जैसे ताकतवर देश शामिल हैं। एक के बाद एक उपग्रहों के कक्षाओं में स्थापित होते ही श्रीहरिकोट स्थित मिशन कंट्रोल सेंटर में मौजूद वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस सफलता पर इसरो को बधाई दी है।
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साभार: भास्कर समाचार
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