ईरान में 38 साल पहले हुई 1979 की क्रांति के बाद बुधवार को पहली बार बड़ा आतंकी हमला हुआ। आईएस आतंकियों ने ईरानी संसद, सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खोमैनी के मकबरे तथा खोमैनी मेट्रो स्टेशन को निशाना
बनाया। आत्मघाती हमलावर फायरिंग करते हुए संसद परिसर में घुसे, जिसमें एक गार्ड की जान गई। कुल 12 लोगों की मौत हो गई। पुलिस से मुठभेड़ में 4 आतंकी मारे गए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कुछ सांसदों और उनकी पत्नियों को बंधक बनाए जाने की जानकारी भी आई थी। दो हमलावरों को पकड़ लिया गया, लेकिन एक ने सायनाइड खाकर जान दे दी। तेहरान में भारतीय राजदूत ने कहा है कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं। हमले के समय संसद चल रही थी। सांसद एलियास हजरती ने बताया कि तीन हमलावर थे। एक के हाथ में पिस्तौल और दो के हाथ में एके-47 थीं। एक अन्य सांसद ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों ने हमलावरों को घेर लिया, इमारत के सभी दरवाजे बंद कर दिए। इसके आधे घंटे बाद एक व्यक्ति ने खोमैनी के मकबरे पर मौजूद लोगों पर फायरिंग की।
कई लोग घायल हुए। मकबरे पर तीन लोगों ने हमला किया था। बाद में वहीं एक बैंक के सामने महिला हमलावर ने कमर से बंधे विस्फोटक से खुद को उड़ा लिया। दो को सुरक्षा बलों ने जिंदा पकड़ लिया। लेकिन इनमें से एक ने सायनाइड खाकर अपनी जान दे दी।
अयातोल्लाहखोमैनी का मकबरा क्यों: पहली बार आतंकियों ने ईरान के लोकतंत्र और धार्मिक नेता खोमैनी के मकबरे को निशाना बनाया है। शिया धर्मगुरु अयातोल्लाह खोमैनी ने ही 1979 की ईरान क्रांति का नेतृत्व किया था जिसमें ईरान से राजवंश खत्म हुआ था और शाह रजा पहलवी को देश छोड़ कर जाना पड़ा था। उसके बाद से ईरान में शिया सरकार है।
खमैनी ने पश्चिम की नीतियों को बताया था दोषी: रविवार को ही ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमैनी ने यूरोप में हुए हमलों के लिए पश्चिम की नीतियों को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था यह उन्हीं की नीतियों का पलटवार है। उन्होंने ही इसकी शुरुआत की थी। रविवार को लंदन ब्रिज पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 7 लोग मारे मारे गए थे।
'आतंकियों की टीम' पकड़ने का दावा: ईरानी गुप्तचर एजेंसी ने दावा किया है कि उसने आतंकियों की एक टीम को पकड़ा है। इससे कई और जगह आतंकी हमले नाकाम हो गए हैं। जनता को भीड़-भाड़ वाली जगहों और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया है। आईएस ने जारी किया संसदके भीतर का वीडियो: आतंकी संगठन आईएस ने हमले के बाद ईरानी संसद के भीतर के वीडियो जारी किए हैं। इनमें एक डेस्क के पास एक मृत शरीर दिख रहा है। अरबी में एक आवाज रही है, 'तुम क्या सोचते हो हम तुम्हें ऐसे ही छोड़ देंगे? हम यहीं रहेंगे।' दूसरी आवाज आती है, 'इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह।'
ईरान समर्थक आतंकियों को सहयोग देने के आरोप में सऊदी अरब सहित 9 देशों ने कतर से रिश्ते तोड़ लिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुस्लिम देशों से कहा था कि वे ईरान को अलग-थलग करें। सऊदी अरब सुन्नी देश है। ईरान शिया। ईरान में सुन्नी आतंकी संगठन आईएस जनता का समर्थन नहीं मिलने के कारण घुस नहीं पा रहा था।
ईरान समर्थक आतंकियों को सहयोग देने के आरोप में सऊदी अरब सहित 9 देशों ने कतर से रिश्ते तोड़ लिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुस्लिम देशों से कहा था कि वे ईरान को अलग-थलग करें। सऊदी अरब सुन्नी देश है। ईरान शिया। ईरान में सुन्नी आतंकी संगठन आईएस जनता का समर्थन नहीं मिलने के कारण घुस नहीं पा रहा था।
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साभार: भास्कर समाचार
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