हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों के नंबरों में गड़बड़ी का एक मामला खत्म नहीं होता कि दूसरा उभरकर सामने जाता है। पेपर चेक करने वाले टीचर ही विद्यार्थियों की अंक सूची में गलत नंबर भर रहे हैं, जिससे पास परीक्षार्थी भी फेल हो जाते हैं तो फेल होने वाले पास। यह अनियमितता हर बार की जाती है लेकिन बोर्ड और शिक्षा विभाग के मध्य मामला लटका होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही। पिछले 2 वर्षों से भिवानी बोर्ड उन अध्यापकों के नाम की सूची शिक्षा विभाग को भेज रहा है जिन्होंने परीक्षा के दौरान या मूल्यांकन में अनियमितता बरती हैं। 2015-16 में जहां 81 अध्यापकों की सूची भेजी गई थी वहीं इस बार बोर्ड ने 114 अध्यापकों की सूची भेजी है लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से इन अध्यापकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
री-चेकिंग की कॉपियों की जांच से हुआ खुलासा: 2015-16 में जिन 81 अध्यापकों की सूची बोर्ड ने शिक्षा विभाग को भेजी थी उनके मामले में सामने आया था कि उन्होंने पुनर्मू्ल्यांकन में अनियमितता की थी। छात्रों द्वारा अंकों से संतुष्ट होने पर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया गया था। पुनर्मूल्यांकन के केसों का अवलोकन करने पर पाया गया कि बहुत से ऐसे छात्र हैं, जिनके अंक उत्तरपुस्तिकाओं में अधिक हैं, लेकिन अध्यापकों द्वारा अंक सूची में कम दर्शाए गए हैं। अंक सूची गलत बनाई गई हैं। वहीं इस वर्ष बोर्ड ने 114 की सूची विभाग को भेजी है जिसमें 103 अध्यापक और 11 सुपरिटेंडेंट हैं। जिन्होंने परीक्षा में ड्यूटी देने में अनियमितता बरती है और कुछ ने मूल्यांकन में अनियमितता बरती है।
परीक्षा से पहले किया था दावा: इस बार की परीक्षाएं शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों की मीटिंग ली थी। उस समय उन्होंने दावा किया था कि जो भी अध्यापक परीक्षा के दौरान ड्यूटी देने में या मूल्यांकन में अनियमितता बरतेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यह दावा ही रह गया कार्रवाई किसी पर नहीं हुई है।
अब मांगी है जिलों से जानकारी: अभी तक तो इस तरह के मामलों में कार्रवाई नहीं हुई लेकिन अब उम्मीद जरूर है। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों के पास उक्त टीचरों की सूची भेजकर उनके नाम के आगे उनकी आईडी, वर्तमान विद्यालय और विषय के बारे में जानकारी मांगी है। जिससे निदेशालय ऐसे टीचर्स की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।
हरसाल भेजते हैं रिपोर्ट - चेयरमैन: परीक्षा की ड्यूटी और मूल्यांकन में अनियमितता बरतने वाले हर अध्यापक की सूची हम शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए भेजते हैं। इस बार भी हमने 114 की सूची भेजी है और पिछले वर्ष भी भेजी थी। कार्रवाई करने का अधिकार शिक्षा विभाग के पास है। हम अपना काम हर वर्ष करते हैं। - डॉ जगबीर सिंह, भिवानी बोर्ड चेयरमैन।
दोषी अध्यापकों पर कार्रवाई होगी - दास: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से मुझे इस तरह की कोई सूची नहीं मिली है। हो सकता है उन्होंने यह सूची विभाग के निदेशालय में भेजी हो। जल्द ही वहां से सूची मंगवा कर उसकी समीक्षा की जाएगी कि किस अध्यापक ने क्या अनियमितता बरती है। उसके बाद अध्यापकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। - पीके दास, एसीएस शिक्षा विभाग।
बोर्ड और विभाग में फंसा मामला: दरअसल भिवानी बोर्ड हर साल इसी तरह की सूची शिक्षा विभाग को भेज रहा है लेकिन यह मामला पावर विभाजन के कर्ण अटका हुआ है। हरियाणा में भिवानी बोर्ड केवल इस तरह के अध्यापकों की सूची बनाकर ही भेज सकता है कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने का अधिकारी केवल शिक्षा विभाग को है। इसलिए दो जगह पवार विभाजित होने के कारण किसी भी वर्ष कार्रवाई नहीं होती। हालांकि इस मामले में गुजरात बोर्ड काफी अच्छा काम कर रहा है वहां बोर्ड के चेयरमैन के पास ही कार्रवाई का भी अधिकारी होता है। इसलिए वहां जो भी अध्यापक अनियमितता बरतते हैं उन पर तुरंत कार्रवाई होती है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.
यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।