स्कूल प्रिंसिपल, हेडमास्टर व मुख्याध्यापकों की लापरवाही के चलते अम्बाला जिले के करीब 270 स्कूलों में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा आयोजित मासिक परीक्षा नहीं हो सकी। जिलेभर के करीब दो-चार स्कूलों ने ही शिक्षा विभाग के आदेशों की अनुपालना करते हुए यह परीक्षा आयोजित कराई। ऐसे में जिन
स्कूलों ने यह परीक्षा कराई उनके विद्यार्थियों के कारण पूरे जिलेभर में प्रश्नपत्र लीक हो गया। क्योंकि बच्चे परीक्षा देने के साथ प्रश्नपत्र अपने साथ ले गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ऐसे में यदि यह स्कूल अब परीक्षा लेते हैं तो उसकी पवित्रता भंग हो चुकी होगी।
दरअसल, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस साल से पहली बार मासिक परीक्षाएं बोर्ड की तरह कराने का निर्णय लिया था। इसी आधार पर छठी से आठवीं कक्षा तक के प्रश्न पत्र खुद ही तैयार करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने इन परीक्षाओं के प्रश्न पत्र बीईओ के पास भेजे, जहां से सभी स्कूलों को परीक्षा वाले दिन प्रश्नपत्र जारी किए गए। अभी तक परीक्षाएं सही तरीके से चल रही थी। लेकिन सोमवार को होने वाली परीक्षा कुछ स्कूलों में हुई तो कुछ में नहीं हुई। क्योंकि 31 को गवर्धन पूजा और विश्वकर्मा दिवस होने के कारण बच्चे दुविधा में रहे। कुछ बच्चे स्कूलों में पहुंचे तो कुछ ने छुट्टी की। जहां बच्चे पहुंचे वहां कम संख्या होने के कारण स्कूल प्रिंसिपल/ हेडमास्टर / मुख्याध्यापक इत्यादि ने परीक्षा नहीं ली। जागरण टीम जब छावनी के बीसी बाजार स्कूल, शहर के सात नंबर स्कूल और पुलिस लाइन कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल पहुंची तो यहां अध्यापकों ने बताया कि बच्चों की संख्या कम होने के कारण परीक्षा नहीं ली गई। वहीं प्रेम नगर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल अनिल शर्मा ने बताया कि जितने बच्चे आए थे उनकी ही परीक्षा करा दी है। जिले की बात करें तो यहां 66 सीनियर सेकेंडरी, करीब 70 हाई और 138 मिडल स्कूल हैं। इन सभी में यह परीक्षा होनी थी, लेकिन मात्र 5-6 स्कूलों में ही यह परीक्षा हो सकी।
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साभार: जागरण समाचार
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