Tuesday, November 15, 2016

शिक्षा अधिकार अधिनियम में अगले साल तक संशोधन संभावित, करेंगे बहुत से सुधार - जावड़ेकर


सीबीएसई में अगले सत्र 2017-18 से दसवीं बोर्ड अनिवार्य होगा। इस पर विचार चल रहा है और जल्दी ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को जयपुर में कही। जावडेकर ने कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार कानून में संशोधन कर पहली से आठवीं कक्षा तक लर्निंग आउटकम लागू करेगी। इसमें हर कक्षा का लर्निंग लेवल तय किया जाएगा। लेवल तय नहीं करने पर फेल करने का अधिकार राज्यों को दिया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सोमवार को जावडेकर ने जयपुर में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वे अब तक 22 राज्यों में जाकर वहां की शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर चुके है। समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जावडेकर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून बने इतने साल हो गए, लेकिन नियमों को यह डिफाइन नहीं किया गया। 
यह काम अब हम कर रहे हैं। यह अगले साल से लागू होगा। इसमें लर्निंग आउटकम के तहत यह तय होगा कि पहली से आठवीं तक के बच्चे को हर कक्षा में क्या-क्या आना चाहिए। बच्चे ने लर्निंग लेवल तय किया या नहीं, यह देखना शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए जल्दी ही केबिनेट में चर्चा होगी। इसके बाद संसद सत्र में आरटीई एक्ट में संशोधन लाया जाएगा। इसमें 5वीं और 8वीं में फेल करने या नहीं करने का अधिकार राज्यों को दिया जाएगा। 
2 करोड़ बच्चे पहले ही अनिवार्य बोर्ड से जुडे हैं: जावडेकर ने कहा कि देश में 2 करोड़ 50 लाख विद्यार्थी दसवीं की परीक्षा देते हैं। इसमें से 2 करोड़ के लिए तो बोर्ड पहले ही अनिवार्य है। क्योंकि वे राज्यों के बोर्ड में हिस्सा लेते हैं। केवल सीबीएसई के 50 लाख विद्यार्थियों पर निर्णय करना है। जो एक-दो महीने में लागू नहीं हो सकता। इसके आगामी सत्र 2017-18 से सीबीएसई में अनिवार्य बोर्ड लागू किया जाएगा। इस पर जल्दी ही अंतिम निर्णय होगा। 
सरकारी नौकरी तो सरकारी स्कूल में पढ़ाई पर करेंगे विचार: सरकार स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकारी नौकरी प्राप्त करने वालों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने से संबंधित सवाल के जवाब में जावडेकर ने कहा कि इस पर हम राय बनाने का प्रयास करेंगे। कम से कम यह प्राइमरी लेवल तक तो लागू किया जा सके। 
सीबीएसई स्कूलों के लिए बनेगा फिक्स फीस फार्मूला: सीबीएसई स्कूलों की बढ़ती फीस पर अंकुश लगाने के सवाल को जावडेकर टाल गए। इसमें वे ज्यादा कुछ नहीं बोले। कहा- केवल राज्यों ने अपने फीस एक्ट बनाए हैं। सीबीएसई स्कूलों की फीस के लिए एक फिक्स फॉर्मूला बनाने का प्रयास करेंगे। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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