Saturday, August 13, 2016

एनसीआर क्षेत्र में डीजल कारों पर प्रतिबन्ध हटा; एक फीसदी ग्रीन सेस लगेगा

सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 2000 सीसी और उससे ज्यादा की डीजल कारों और एसयूवी पर प्रतिबंध हटा दिया है। इसके लिए गाड़ियों की एक्स-शोरूम कीमत पर एक फीसदी पर्यावरण कर (ग्रीन सेस) लगाया है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एके सीकरी और आर भानुमति की
बेंच ने कहा कि कीमत का एक प्रतिशत पर्यावरण कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को जाएगा, जो बैंक में एक अलग खाता खोल कर इस रकम को जमा करेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आरटीओ यह सुनिश्चित करने के बाद ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करेगा कि उसकी कीमत की एक फीसदी रकम वाहन निर्माता या डीलर या सब-डीलर ने सीपीसीबी को जमा करा दी है। ऑटोमोबाइल कंपनियों की याचिकाओं पर डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध के पिछले साल 16 दिसंबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह बदलाव किया है। बेंच ने कहा कि 2000 सीसी से कम क्षमता वाली डीजल इंजन गाड़ियों पर ग्रीन सेस लगाने के संबंध में बाद में फैसला किया जाएगा। 
केंद्र सरकार ने किसी भी तरह का सेस लगाने का विरोध किया था। केंद्र की ओर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के मुताबिक कार निर्माता कंपनियों का बहुत पैसा लगा है, वहीं काम बंद होने की वजह से लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है। साथ ही केंद्र का मेक इन इंडिया प्रोग्राम भी प्रभावित हो रहा है। केंद्र सरकार इस मामले में विचार कर रही है और जल्द ही रिसर्च और डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। केंद्र ने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट भी तैयार की है, जिसमें मालिक 10 से 15 साल पुरानी गाडियों को सरकार को देंगे और सरकार स्क्रैप कर मालिक को एक रकम देंगे। 
इस फैसले से हरियाणा को भी राहत मिली है, क्योंकि प्रदेश के 13 जिले एनसीआर में आते हैं। दूसरी ओर कार निर्माता मर्सिडीज बेंज ने प्रतिबंध हटाने के बदले एक फीसदी पर्यावरण कर लगाने की पेशकश की थी। प्रतिबंध से मर्सिडीज बेंज, महिंद्रा एंड महिंद्रा टाटा मोटर्स और टोयोटा के कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा था। उन्होंने इसके खिलाफ अपील की थी। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी दलील दी थी कि इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं कि केवल 2000 सीसी से अधिक की कारें ही सबसे बड़ी प्रदूषक हैं। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.