भारत की सैखोम मीराबाई चानू ने रियो ओलंपिक में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। वह वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग के क्लीन एंड जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रहने के कारण ओवरऑल स्कोर में जगह बनाने में नाकाम रहीं। इस स्पर्धा में कुल 12 वेटलिफ्टरों ने हिस्सा लिया था,
लेकिन वह उन दो खिलाड़ियों में शामिल रहीं, जो ओवरऑल स्कोर में जगह नहीं बना पाईं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मीराबाई ने क्लीन एंड जर्क में पहले प्रयास में 104 किग्रा भार उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने अगले दोनों प्रयास में 106 किग्रा भार उठाना चाहा, लेकिन उसमें भी नाकाम रहीं। दिलचस्प बात यह है कि क्लीन एंड जर्क में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 107 किग्रा है। असल में स्नैच और क्लीन एंड जर्क के छह प्रयासों को मिलाकर मीराबाई केवल एक बार ही भार उठाने में सफल रहीं। स्नैच में मीराबाई केवल दूसरे प्रयास में सही तरह से भार उठा पाईं। पहले प्रयास में 82 किग्रा भार उठाने में नाकाम रहने के बाद वह दूसरे प्रयास में किसी तरह से यह वजन उठाने में सफल रहीं। हालांकि तीसरे प्रयास में वह 84 किग्रा भार नहीं उठा पाईं और इस तरह से स्नैच में छठे स्थान पर रहीं। यह 21 वर्षीय भारोत्ताेलक यहां जून में पटियाला में चयन ट्रायल के दौरान किए गए प्रदर्शन को भी नहीं दोहरा पाईं। जहां उन्होंने स्नैच में एक किग्रा के अंतर से खुद के रिकॉर्ड में सुधार किया था। तब उन्होंने स्नैच में 85 किग्रा भार उठाया था, जबकि क्लीन एंड जर्क में एन कुंजारानी देवी (107 किग्रा) के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। इस दौरान मीराबाई ने कुल 192 किग्रा भार उठाकर कुंजारानी के 190 किग्रा के ओवरऑल रिकॉर्ड को भी तोड़ा था।
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साभार: जागरण समाचार
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