हरियाणा में पिछले कई सालों से फर्जी और मृत व्यक्तियों के नाम पर पेंशन लेने का खेल चल रहा है। हर माह करीब सात करोड़ रुपये उन लोगों की पेंशन पर खर्च हो रहे, जो या तो स्वयं मौजूद नहीं हैं या फिर उनकी मृत्यु हो चुकी। भाजपा सरकार ने जांच के बाद पेंशन की मद में खपाई जा रही इस राशि को रोक दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकार ने मृत्यु एवं अन्य कारणों से 61 हजार 701 लोगों की पेंशन बंद कर दी है। पिछली सरकार में एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही थी, जिसे भाजपा सरकार ने 1200 रुपये प्रति माह किया है। 1 जनवरी 2016 से यह राशि बढ़कर 1400 रुपये मासिक हो जाएगी। सरकार ने गलत पेंशन काटी ही नहीं बल्कि 1 लाख 87 हजार 131 नए लोगों की पेंशन भी बनाई है। यानि 22 करोड़ रुपये मासिक अलग से खर्च करने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कविता जैन द्वारा पेंशन बनाने से लेकर वितरण में चल रहे गोलमाल को पकड़े जाने का असर यह हुआ कि अब वास्तविक लोगों के पास पेंशन जानी शुरू हो गई है। कविता जैन के निर्देशों के बाद सबसे पहले पेंशन धारकों को खाते खोले गए, जिससे अनियमितताएं खुद ही पकड़ में आ गई।
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साभार: जागरण समाचार
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