तीसरी आंख की नजर और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रविवार को आयोजित आर्ट एंड क्राफ्ट टीचरों की परीक्षा मजाक बनकर रह गई। हिंदी मीडियम वालों को अंग्रेजी में प्रश्नपत्र थमा दिए जाने से परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ गई। वहीं, आधे से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट
ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इनमें से भी अधिकतर ने हिंदी माध्यम से परीक्षा देने का विकल्प चुना था लेकिन सभी को अंग्रेजी माध्यम वाले प्रश्नपत्र दे दिए गए। इंद्री के दिनेश शर्मा, कुरुक्षेत्र के राजेंद्र सिंह, पलवल के अजीत सिंह, नारनौल के उत्तम कुमार, सोनीपत की मंजू सिंह, कैथल से नरेश कुमार सहित अनेक परीक्षार्थियों ने बताया कि उन्हें प्रश्नपत्र समझ ही नहीं आया। उन्हें अंग्रेजी में प्रश्न समझ ही नहीं आए। इसी प्रकार एक प्रश्न को दो बार पूछा जाना जैसी अनेक गलतियां थी जिनके चलते यह परीक्षा मजाक बनकर रह गई। इसलिए परीक्षा को रद करके दोबारा ली जानी चाहिए। अम्बाला के जिला शिक्षा अधिकारी जिले सिंह अत्री ने बताया कि प्रश्नपत्र के अंग्रेजी में आने की जानकारी आला अधिकारियों को दे दी गई है। जल्दबाजी में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता।
अत्यधिक सख्ती रही सभी पर हावी: परीक्षा सुबह 11 बजे से सवा 12 बजे तक होनी थी लेकिन स्टाफ को सुबह साढ़े आठ बजे ही बुला लिया गया था। बायोमीट्रिक मशीनों पर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया। परीक्षार्थियों को पैन भी परीक्षा केंद्र के अंदर ही उपलब्ध कराए गए थे। मुख्य द्वार पर ही घड़ी, मोबाइल, केलकुलेटर, बेल्ट व इलेक्ट्रानिक सामान रखवा लिया गया। कुछ महिला परीक्षार्थियों से आभूषण यहां तक कि नाक की लोंग तक उतरवा दी गई।
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साभार: जागरण समाचार
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