पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि महिला कर्मचारी तीसरे बच्चे के लिए भी मातृत्व अवकाश की हकदार है। याची चित्र देवी ने कहा था कि उसने शिक्षा विभाग में अपने तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश के लए आवेदन किया था। विभाग द्वारा पंजाब सिविल सर्विस रूल के वोल्यूम 1 के पार्ट
1 के रूल 8.127 का हवाला देते हुए इसे मंजूर करने से इन्कार कर दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याची पक्ष की ओर से पूर्व की दो जजमेंट का हवाला दिया गया। कोर्ट को बताया गया कि पूजा सिद्धू और रुखसाना के केस में हाईकोर्ट ने तीसरे बच्चे की स्थिति में मातृत्व अवकाश की मंजूरी दी थी। रुखसाना मामले में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन बाद में उसे याचिका वापस लेनी पड़ी थी। ऐसे में याची को उन जजमेंट का लाभ दिया जाए। हाईकोर्ट की एक बेंच ने पूर्व में शिक्षा विभाग को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में जब हाईकोर्ट के आदेशों को आवर रूल नहीं किया गया तो ऐसे में जब तक कोई कानून नहीं बनाया जाता हाईकोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए। आदेशों के बावजूद लाभ न दिए जाने पर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने उसकी अपील को मंजूर करते हुए मातृत्व अवकाश को मंजूर कर लिया। साथ ही विभाग के ढुल-मुल रवैए के चलते और मामले में दाखिल हलफनामों के चलते शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी व डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए। इन निर्देशों के साथ ही जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने मामले में अवमानना याचिकाएं सुनने वाली बेंच को रेफर कर दिया।
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साभार: जागरण समाचार
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