एमडीयूके बीटेक थर्ड सेमेस्टर की सड़क पर मिली 61 उत्तरपुस्तिकाओं के मामले में परत दर परत राज खुलते जा रहे हैं। एमडीयू परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु की ओर से करवाई गई आंतरिक जांच में हुआ खुलासा अत्यंत ही चौंकाने वाला है। विवि की जांच के मुताबिक फरवरी 2013 में पुलिस के हवाले की गई 2,189 उत्तरपुस्तिकाओं में से ही इन कॉपियों के सीरियल नंबर मैच कर रहे हैं। इससे स्पष्ट हो गया है कि पुलिस की
कस्टडी में रखी गई उत्तरपुस्तिकाएं ही सड़क पर पड़ी मिली हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस मामले में जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार कर डॉ. सिंधु ने कुलपति सुधीर राजपाल को भेज दी है। कुलपति द्वारा ही अब पुलिस को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसी के साथ मामले में शक की सुई अर्बन एस्टेट थाना पुलिस की तरफ घूम गई है कि आखिर पुलिस की कस्टडी से निकलकर सड़क पर उत्तरपुस्तिकाएं कैसे पहुंचीं? इसमें किन लोगों की मिलीभगत है? सीधे तौर पर पुलिस पर मामला अमानत में खयानत का बनता है। एसपी शशांक आनंद का कहना है कि मामला बड़ा ही गंभीर है। एमडीयू की जांच की हमें भी अपेक्षा है। एसआईटी की ओर से यह पता लगाया जाएगा कि किस स्तर पर चूक हुई है। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
ये उठ रहे सवाल:
- पुलिसकी कस्टडी से उत्तरपुस्तिका सड़क पर कैसे पहुंचीं?
- सील की गई उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल कब खोले गए?
- क्या पुलिस थाने से चोरी की गई हैं उत्तरपुस्तिकाएं?
- उत्तरपुस्तिकाएं गायब होने की सूचना सबसे पहले पुलिस ने क्यों नहीं दी?
- रवि जैमिनी के आत्मसमर्पण के बाद ही सड़क पर क्यों आईं उत्तरपुस्तिकाएं?
- पुरानी उत्तरपुस्तिका को ही सड़क पर क्यों डाला गया?
- क्या अभी भी बाहर घूम रहे हैं उत्तरपुस्तिका प्रकरण के गुनहगार?
थाने में ही फोटोकॉपी हुई थी कॉपियां: रोहतककोर्ट के आदेश के बाद 21 जून 2013 को एमडीयू के अधिकारियों द्वारा पुलिस की निगरानी में उत्तरपुस्तिकाओं की फोटो कॉपी करवाई गई थी। इन फोटोकॉपी को ही परीक्षा नियंत्रक द्वारा चेक करवाया गया था। कॉपी जांचने के बाद परीक्षा परिणाम जारी किया गया था, जो वेबसाइट पर भी डाला गया है। इसी के चलते असल कॉपियों पर एक्जामिनर के हस्ताक्षर नहीं हैं। बताया जाता है कि बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया था। एमडीयू की ओर से इन कॉपियों को सील करके ही पुलिस थाने के हवाले कर दिया गया था।
कोर्ट के आदेश पर दिया था परिणाम: एमडीयूमें मामला सामने आने के बाद परेशान छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जाए। ऐसे में रोहतक कोर्ट के आदेश पर ही परीक्षा परिणाम जारी किया गया था। पुलिस थाने में ही फोटो कॉपी करवाई थी। अब पुलिस जांच का विषय है कि आखिर किस तरह से पुलिस कस्टडी से उत्तरपुस्तिकाएं सड़क पर आईं? विवि की साख को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा। -डॉ. बीएस सिंधु, परीक्षा नियंत्रक, एमडीयू
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साभार: भास्कर समाचार
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