प्रदेश सरकार ने कंप्यूटर टीचरों की दोबारा नियुक्ति के अपने फैसले को सही बताया है। बृहस्पतिवार को उसने इस संबंध में हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया। वहीं बेंच ने प्रभावित टीचरों की पार्टी बनाने संबंधी मांग को भी स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। कैथल निवासी अर्चना ने हाई कोर्ट में याचिका दायर
कर प्रदेश सरकार द्वारा हटाए गए कंप्यूटर टीचरों को दोबारा रखने को चुनौती दी थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ठेके पर जो कंप्यूटर टीचर लगा रही है, उनमें योग्यता को नजरअंदाज कर अयोग्य टीचरों को नियुक्त किया जा रहा है। याची के मुताबिक प्रदेश सरकार ने स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए तीन प्राइवेट कंपनियों को ठेके अलॉट किए थे। 2013 में सरकार ने ठेका रद कर दिया क्योंकि तीनों कंपनियां योग्य टीचर व अन्य सुविधाएं देने में नाकाम रहीं। बाद में यह मामला आर्बिटेटर के पास भी गया। कंपनियों ने ठेके पर लगाए गए टीचरों का वेतन भी कई महीनों से जारी नहीं किया था। इसलिए सरकार ने इन टीचरों को हटा कर नए तरीके से नियुक्ति का फैसला लिया। पिछले दिनों 2852 के करीब टीचर को मार्च 2016 तक नियुक्ति दे दी, जबकि याचिकाकर्ता को योग्यता पूरी करने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई। याची ने इस भर्ती को रद कर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने की मांग की है।
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साभार: जागरण समाचार
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