सातवां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप सकता है। सूत्रों के मुताबिक आयोग ने 15% वेतन बढ़ाने की सिफारिश की है। इससे 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 55 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा। छठे वेतन आयोग से 2008 में कर्मचारियों का वेतन 35% तक बढ़ा था। इसके मुकाबले नई
सिफारिश आधी भी नहीं है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर ने कहा, 'हमने रिपोर्ट तैयार कर ली है। हम 19 नवंबर को उसे सौंपेंगे।' यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आयोग का गठन यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में किया था। इसे अगस्त तक रिपोर्ट देनी थी। लेकिन केंद्र ने कार्यकाल चार महीने बढ़ाकर दिसंबर तक किया था। आयोग की सिफारिशों पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद एक जनवरी 2016 से यह लागू हो जाएंगी। यदि सरकार ने आयोग की सिफारिशें जस की तस स्वीकार कर ली तो खजाने पर 25 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि वेतन बढ़ने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार हर दस साल में वेतन आयोग बनाती है। इसके जरिए कर्मचारियों का पे-स्केल सुधारा जाता है। राज्य सरकारें भी आयोग की सिफारिशों पर अमल करती हैं। आयोग ने सिफारिशें तैयार करने के लिए रक्षा और अन्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारी संगठनों, फेडरेशनों, समूहों से चर्चा की।
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साभार: भास्कर समाचार
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