Thursday, November 19, 2015

HTET: 2014 की रणनीति अपनाते तो बच सकती थी बोर्ड की लाज

पात्रता परीक्षा में यदि 2014 की रणनीति इस्तेमाल की जाती तो शिक्षा बोर्ड प्रशासन व शिक्षा विभाग प्रश्न पत्र लीक प्रकरण की फजीहत से बच सकता था। बोर्ड प्रशासन ने 2014 में आयोजित करवाए गए एचटेट के दौरान प्रश्न पत्रों के वितरण को लेकर लगाई जाने वाली ड्यूटियों में कई बार बदलाव किया था। किसी
भी कर्मचारी को यह निश्चित नहीं था कि वह किस जिले में प्रश्न पत्र लेकर जा रहा है और आगे किस सेंटर तक किट बैग लेकर जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके लिए परीक्षा से एक दिन पूर्व जिला खजाना कार्यालयों तक टीमें रवाना कर दी जाती थी। इसके बाद रात को दोबारा से ड्यूटियां लगाई जाती थी। तत्कालीन सचिव संचालन शाखा द्वारा लगाई ड्यूटियों में एक बार फिर से बदलाव कर देते थे और उन्हें अगले दिन बताया जाता था कि अब किस कर्मचारी को कौन से परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लेकर जाना है। इसका फायदा यह होता था कि जिला खजाना कार्यालय से परीक्षा केंद्र तक प्रश्न पत्र पहुंचाने वाले को यह पता नहीं होता था कि वह कहां जाएगा। ऐसे में मिलीभगत की गुंजाइश न के बराबर रहती थी। मगर इस बार ऐसा नहीं हो पाया। जाहिर है कि ऐसे में पहले से स्पष्ट था कि किसको कहां जाना है और परीक्षा केंद्र घरेलू जिलों में होने की वजह से मिलीभगत की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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