हरियाणा के लाखों कर्मचारियों ने सोमवार को राज्य भर में सरकार के उन आदेशों की प्रतियां फूंकी, जिनमें कर्मचारियों के धरने-प्रदर्शन करने, हड़ताल में भाग लेने और सामूहिक अवकाश पर जाने पर रोक लगाई गई है। कर्मचारियों के समर्थन में तमाम विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक यह
आदेश वापस नहीं लिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने बुधवार को सीएम सिटी करनाल में धरने-प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद राज्य स्तरीय रैली को अभूतपूर्व बनाने का ऐलान किया है। सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर सभी जिलों और ब्लाक मुख्यालयों पर सरकारी विभागों, बोर्ड एवं निगम, विश्वविद्यालयों और शहरी निकायों के लाखों कर्मचारियों ने सरकार के विरुद्ध तीखी नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किए और सरकारी आदेशों की होली जलाई। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपप्रधान सरबत पूनिया व मुख्य संगठनकर्ता वीरेंद्र डंगवाल ने सरकार के आदेशों के खिलाफ हुए प्रदर्शनों एवं प्रतियों की होली जलाने के कार्यक्रम को सफल करार दिया है। धर्मबीर फौगाट व सुभाष लांबा ने राजनीतिक दलों द्वारा उनके आंदोलन का समर्थन करने पर उनका आभार भी जताया है। सुभाष लांबा ने कहा कि जब तक सरकार अपने ट्रेड यूनियन अधिकारांे पर हमला करने वाले आदेशांे को वापस नहीं लेगी और कर्मचारियांे की मांगों का हल नहीं करेगी, प्रदेश में धरने, प्रदर्शनांे, रैलियांे एवं हड़तालांे का दौरा जारी रहेगा। सरबत पूनिया ने सरकार के इस दावे को झूठ का पुलिंदा बताया कि समय-समय पर कर्मचारियांे की मांगों का समाधान किया जा रहा है। वीरेंद्र डंगवाल ने कहा कि ट्रेड यूनियन एक्ट व आईडी एक्ट के द्वारा प्रदत्त धरने-प्रदर्शन व हड़ताल करने का अधिकार कोई भी कर्मचारियांे से नहीं छीन सकता।
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साभार: जागरण समाचार
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