रियो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में भारतीय अभियान की शुरुआत निराशाजनक रही। सोमवार को पहलवान रवींद्र खत्री ग्रीको रोमन स्पर्धा के 85 किलोग्राम भारवर्ग में तीन मिनट में अपना पहला मुकाबला हारकर बाहर हो गए। कैरियोका एरिना-2 के मैट-बी पर हुए मुकाबले में रवींद्र हंगरी के अपने प्रतिद्वंद्वी विक्टर
लॉरिंज के आगे कहीं भी नहीं टिक सके और 0-9 से मुकाबला गंवा बैठे। रवींद्र अपने प्रतिद्वंद्वी के आगे इतने कमजोर साबित हुए कि पीरियड-2 का मुकाबला ही नहीं कराना पड़ा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लॉरिंज ने नौ टेक्नीकल प्वाइंट और चार क्लास प्वाइंट हासिल किए, जबकि रवींद्र को एक भी अंक हासिल नहीं हुआ। नियमानुसार अगर कोई पहलवान अपने विपक्षी पर आठ अंकों से ज्यादा की बढ़त बना लेता है और सामने वाले के पास कोई अंक नहीं होता है, तो बढ़त हासिल किए हुए पहलवान को विजेता घोषित कर दिया जाता है। खत्री को राउंड ऑफ 16 में बाई मिला था, जिसके बाद उनका पहला मुकाबला क्वार्टर फाइनल से ही शुरू हुआ था। खत्री के हाथ से रेपचेज का मौका भी निकल गया, क्योंकि हंगरी के पहलवान सेमीफाइनल में हार गए। उनकी हार के साथ ही खत्री का सफर भी थम गया।
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साभार: जागरण समाचार
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