भारतीय धाविका ललिता बाबर ने सोमवार को रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के फाइनल में 10वां स्थान हासिल किया। उन्होंने फाइनल में नौ मिनट, 22.74 सेकेंड का समय निकाला, जो उनके राष्ट्रीय रिकॉर्ड से करीब तीन सेकेंड कम है। उन्होंने शनिवार को क्वालीफिकेशन दौर में
नौ मिनट,19.76 सेकेंड का समय निकालकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त जिले सतारा की 27 वर्षीय ललिता 10वें स्थान पर रहने के बावजूद ट्रैक एंड फील्ड की किसी स्पर्धा में पीटी ऊषा के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली भारतीय एथलीट बन गईं। ऊषा 1984 लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में 400 मीटर हर्डल में चौथे स्थान पर रही थीं। केन्या में जन्मीं बहरीन की रूथ जेबेथ ने आठ मिनट, 59.75 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता। 2015 विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता केन्या की हाइविन जेपकेमोई ने नौ मिनट, 07.12 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक पर कब्जा जमाया, जबकि अमेरिका की एमा कोबर्न ने नौ मिनट, 07.63 सेकेंड के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।श्रवणी ने किया निराश: महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में भारत की श्रवणी नंदा ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी हीट में आठ प्रतिद्वंद्वियों के बीच छठा स्थान हासिल किया। उन्होंने 23.07 सेकेंड का समय निकाला। कुल 72 प्रतिद्वंद्वियों के बीच वह 55वें स्थान पर रहीं।
फिर चूके रंजीत: बड़े मौकों पर टिपल जंपर रंजित माहेश्वरी का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। फाइनल दौर में वह 48 प्रतिस्पर्धियों के बीच 16.13 मीटर की दूरी के साथ 30वें स्थान पर रहे।
मैं अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं, लेकिन जो मैंने समय निकाला उससे नहीं। कुल मिलाकर मैं खुश हूं कि मैं शीर्ष 10 में रही, लेकिन समय में सुधार किया जा सकता था। मैं अपने लक्ष्य नौ मिनट 15 सेकेंड से पीछे रह गई। -ललिता बाबर
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साभार: जागरण समाचार
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