हरियाणा में पिछले सौ साल से गांवों और शहरों का लाल डोरा नहीं बढ़ा है। लाल डोरा बढ़ाने के लिए राज्य में अब से पहले किसी सरकार ने कोई प्रयास भी नहीं किए। निराश्रित एवं घुमंतू जातियों के कल्याण के लिए बनी स्थायी सलाहकार समिति की सिफारिश पर सरकार सौ साल के लंबे अंतराल के बाद गांवों तथा शहरों का लाल
डोरा बढ़ाने जा रही है। यदि ऐसा होता है तो यह सौ सालों में ऐतिहासिक फैसला होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लाल डोरा बढ़ने के बाद न केवल अवैध रूप से बने मकानों पर लटकी अधिग्रहण तथा तोड़फोड़ होने की तलवार हटेगी, बल्कि सरकार और ग्रामीणों के बीच हर रोज होने वाले टकराव भी खत्म हो सकेंगे। निराश्रित एवं घुमंतू जातियों के कल्याण की स्थायी सलाहकार समिति के चेयरमैन राजीव जैन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपनी रिपोर्ट में लाल डोरा बढ़ाने की सिफारिश की है। स्थार्यी सलाहकार समिति के चेयरमैन ने 19 मई 2016 को यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से लाल डोरा बढ़ाने के बारे में टिप्पणी मांगी गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शहरी आयोजना तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों को परिपत्र भेजकर लाल डोरे के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि इसे राजस्व मंत्री और मुख्यमंत्री के पास अगली कार्रवाई के लिए भेजा जा सके। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस संबंध में दोनों विभागों को 30 जून को परिपत्र भेजे गए हैं। इन परिपत्रों में दोनों विभागों से कहा गया है कि वे अपनी रिपोर्ट में लाल डोरा बढ़ाने से होने वाले फायदे अथवा नुकसान दोनों के बारे में स्पष्ट तथ्यों का जिक्र करें, ताकि सरकार को निर्णय लेने में आसानी हो सके। हरियाणा में लाल डोरा बढ़ाने के बारे में 2013 में विधानसभा में सवाल उठ चुका है। सोनीपत की भाजपा विधायक एवं मौजूदा शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने लाल डोरा बढ़ाने के बारे में सरकार की योजना को लेकर सवाल पूछा था, जिसके जवाब में तत्कालीन भू-अभिलेख महानिदेशक ने जवाब दिया कि लाल डोरा भारत की आजादी के समय नहीं बढ़ाया गया था, बल्कि संयुक्त पंजाब का आखिरी बंदोबस्त जो वर्ष 1902 से 1909 तक किया गया, उस दौरान लाल डोरा बढ़ाया गया था। इसके बाद न तो नया बंदोबस्त हुआ और न ही लाल डोरा बढ़ाया गया। 2013 तक लाल डोरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। दरअसल, हरियाणा सरकार शहरों एवं गांवों के विस्तार की योजना बना रही है। शहरी इलाकों में जिन जमीनों पर अतिक्रमण हो रखा है, उसे वैध करने की योजना है। साथ ही गांवों में लाल डोरे की परिधि बढ़ाई जा सकती है। इस पर फैसला लेने के लिए चार सदस्यीय कैबिनेट उप समिति का गठन पहले ही किया जा चुका है। इस कमेटी में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्ण कुमार बेदी शामिल हैं। यह कमेटी लाल डोरे के विस्तार से संबंधित मामलों पर विचार करेगी और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।
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साभार: जागरण समाचार
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