भाभी और ननद के रिश्ते में वो सब कुछ होता है जो एक अच्छे रिश्ते में होना चाहिए. ये आपस में लड़ती हैं, लेकिन सबसे ज़्यादा प्यार भी इन्हीं में होता है. हालांकि इस सब से ज़्यादा, ये घर की दो ऐसी महिलाएं होती हैं जो पूरे घर को एक
जगह बांध कर रखती हैं। लेकिन गुजरात में तो इस रिश्ते की आपस में शादी भी होती है. जी हां, गुजरात के एक गांव में ऐसी प्रथा है कि दूल्हे के साथ 7 फ़ेरे लेने से पहले दुल्हन की शादी दूल्हे की बहन से होती है और दूल्हा तब तक अपनी दुल्हन को अपने साथ लेकर नहीं जाता, जब तब दूल्हे की बहन उसे घर का पूरा काम न समझा दे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन ये बिलकुल सच है. इसका कारण पूछे जाने पर गांव वालों ने बताया कि 'दुल्हन की नई ज़िंदगी शुरू करने में ननद का बहुत बड़ा योगदान होता है. वही नए घर के बारे में बताती है और वही उसके शुरुआती दिनों की दोस्त होती है'। इतना ही नहीं गांव वाले मानते हैं कि बहन हमेशा भाई की रक्षक होती है. एक रिवाज़ के अनुसार दूल्हे की बहन पूरी शादी के दौरान अपने सिर पर एक चावल से भरा लोटा रखती है, जो कि अपने भाई को बुरी नज़र से बचाने के लिए रखा जाता है। इस गांव की शादी में दहेज प्रथा है, लेकिन थोड़ी अलग. यहां दुल्हन की जगह दूल्हे के घर वाले दहेज देते हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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