Tuesday, May 3, 2016

कोटा के डीसी ने बच्चों के अभिभावकों को लिखा पत्र: बच्चों पर न थोपें अपनी इच्छाएं

कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा शहर में विद्यार्थियों की बढ़ती खुदकशी की घटनाओं से व्यथित यहां के जिला कलेक्टर (डीसी) रवि कुमार सुरपुर ने अभिभावकों से भावुक अपील की है। पांच पन्ने के पत्र में उन्होंने गुजारिश की है कि माता-पिता अपनी अपेक्षाओं और सपनों को बच्चों पर नहीं थोपें, बल्कि वे जो करना
चाहते हैं, उन्हें वही करने दें। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कोटा में पिछले डेढ़ साल में 35 बच्चे खुदकशी कर चुके हैं। इनमें अधिकांश उप्र, बिहार व दिल्ली के हैं। आइआइटी-जेईई की मुख्य परीक्षा पास करने के बाजवूद 28 अप्रैल को गाजियाबाद की कृति ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने यह पत्र कोटा के कोचिंग संस्थानों को भेजा है जिसे हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करके विद्यार्थियों के माता-पिता को भेजा जाएगा। रवि कुमार ने पत्र में लिखा है, ‘बच्चों को बेहतर प्रदर्शन के लिए डराने धमकाने के बजाय आपके सांत्वना के बोल और नतीजों को भूलकर बेहतर करने के लिए प्रेरित करना उनकी कीमती जानें बच सकता है। क्या माता-पिता को बच्चों की तरह अपरिपक्वता दिखानी चाहिए? ऐसा नहीं होना चाहिए। मेरा दुर्भाग्य है कि मुङो 20 से ज्यादा मेधावी बच्चों के सुसाइड नोट पढ़ने पड़े। इन्हें पढ़कर लगा अधिकतर बच्चों ने माता-पिता की इच्छा पूरी नहीं होने और पढ़ाई के दबाव में आत्महत्याएं की हैं। कलेक्टर ने कोचिंग संस्थानों से छात्रों के तनाव के स्तर को जानने और उनकी परेशानी के संकेत मिलते ही जांच कराने को कहा है। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन भी बनाई है, इनमें 9649494989, 0744-2350777 पर छात्रों से जुड़ी जानकारी दी जा सकती है। 
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साभारजागरण समाचार 
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