नारनौल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. रणधीर कुमार डोगरा की अदालत ने महेंद्रगढ़ के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एमआर चोपड़ा समेत 18 कर्मचारियों को पांच वर्ष की सजा और जुर्माना सुनाया है। डॉ. डोगरा की अदालत ने महेंद्रगढ़ के पूर्व डीईओ मिठ्ठूराम चोपड़ा, बीईईओ जयदयाल व सुपरिटेंडेंट होशियार सिंह, खंड अटेली
के पूर्व बीईईओ छोटेलाल, प्राचार्य जयसिंह, महेंद्रगढ़ खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक महेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत तीन वर्ष की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जुर्माना नहीं भरने पर छह महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भी काटना पड़ेगा। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनिल कुमार, कमल, राजेश कुमार, सुदेश, रामकिशन, बलवंत, रामप्रसाद, मुकेश, नरेश, लीलूराम, हवासिंह, जयपाल पर व अधिकारियों पर अदालत ने फर्जी तरीके से कागजात तैयार करने, धोखाधड़ी करने, सरकारी राशि गबन करने व साजिश रचने के मामले में दोषी करार देते हुए सभी दोषियों को पांच वर्ष की सजा व 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर एक वर्ष का कठोर कारावास भी काटना पड़ेगा।
2006 में दी गई थी शिकायत: विदित रहे कि वर्ष 2006 में 18 मार्च को राजेश कुमार पुत्र खेमचंद झोझूकलां जिला भिवानी ने शिकायत दी थी कि महेंद्रगढ़ के पूर्व डीईओ मिठ्ठूराम चोपड़ा ने सहकर्मियों की मिलीभगत से महेंद्रगढ़ के राजकीय प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की गलत व फर्जी तरीके कागजात तैयार कर भर्ती की थी।
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साभार: जागरण समाचार
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