डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाने के आरोप की सीबीआई जांच पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को मंगलवार को कोई राहत नहीं दी है। हालांकि, डेरे से जुड़े रहे कुछ साधुओं ने अर्जियां दाखिल कर कहा है कि वह स्वेच्छा से नपुंसक बने हैं, लिहाजा सीबीआई जांच रद्द की जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने साधुओं की अर्जियों पर सीबीआई और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर 28 जनवरी तक जवाब देने को कहा है। इसी बीच एक साधु ने तो अपनी अर्जी में कहा कि वह गायक है और इटली से प्रेरणा मिली है कि नपुंसक बनने से आवाज सुरीली होती है, लिहाजा वह नपुंसक बना। उधर, दो डाक्टरों ने भी पहले अर्जियां दाखिल की थीं कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया और सीबीआई जांच शुरू कर दी गई। इन अर्जियों पर नोटिस नहीं हुआ था। अब मंगलवार को इन अर्जियों पर भी नोटिस जारी कर दिया गया है। पिछली सुनवाई पर डेरा प्रमुख के वकील को इस मामले में तथ्यों पर बहस करने का निर्देश देते हुए जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस पीबी बजंतरी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। मंगलवार को यह मामला सुनवाई केलिए जस्टिस एसके मित्तल की डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए आया।
इस दौरान सीबीआई ने जांच की स्थिति रिपोर्ट भी सीलबंद लिफाफे में पेश की। हाईकोर्ट ने यह रिपोर्ट भी रिकार्ड पर ले ली है। उल्लेखनीय है कि डेरे से जुड़े रहे हंसराज चौहान ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि डेरा प्रमुख साधुओं के नपुंसक बनने पर उन्हें भगवान से मिलाने का छलावा देते थे। इस तरह कई साधुओं को नपुंसक बनाया गया। हाईकोर्ट की एकल बेंच ने हरियाणा सरकार को दो बार जांच का मौका दिया था, लेकिन जांच नहीं कर पाने के कारण ही एकल बेंच ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच सीबीआई के हवाले की थी। एकल बेंच के इसी फैसले को अपील के माध्यम से डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। राम रहीम के वकील एसके गर्ग नरवाना ने पैरवी करते हुए कहा कि यदि कोई नपुंसक बनने की सहमति देता है तो इसमें कोई अपराध नहीं बनता और न ही यह मानवाधिकार का हनन है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.