सामाजिक उपेक्षा के शिकार ट्रांसजेंडरों को अब
प्रदेश के आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) ने दरवाजा खोला दिया है।
आईटीआई के एनसीवीटी (राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद) और एससीवीटी
(राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद) के सभी ट्रेड में दाखिले का मौका
मिलेगा। सामान्य छात्रों के साथ वेे भी तकनीकी शिक्षा लेकर अपना करियर
संवार सकेंगे। पहली बार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ने ऑनलाइन आवेदन फॉर्म
में लिंग की श्रेणी में ट्रांसजेंडर को स्थान दिया है। अभी
तक ट्रांसजेंडर छात्रों को दाखिला नहीं मिलता था। न ही इसके लिए अलग से
कोई व्यवस्था थी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ने ट्रांसजेंडर को पठन-पाठन
के क्षेत्र में स्थान देने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस साल हरियाणा
स्टेट टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी ने डिप्लोमा लेटरल या बीटेक कॉलेजों में
दाखिले के लिए आवेदन में यह कॉलम नहीं दिया था। बता दें कि बीते साल आईटीआई
में पूरे प्रदेश में करीब 40 हजार आवेदन में नौ ट्रांसजेंडर छात्रों ने
आवेदन किए थे। ट्रांसजेंडर छात्रों को विशेष
पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में रखा जाएगा। आरक्षित वर्ग को जो सुविधाएं,
छात्रवृत्ति हॉस्टल आदि दी जाती हैं सभी मिलेगी। ट्रांसजेंडर की सुरक्षा की
गारंटी भी संस्थान को लेनी होगी। जिससे कोई इन छात्रों को जाति सूचक शब्द
या लिंग आधारित अभद्रता न करे।
नौकरी का रास्ता भी हुआ साफ: आईटीआई
में दाखिले के साथ ही अब भविष्य में आईटीआई के पढ़ाने के लिए इंस्ट्रक्टर
के पदों पर भी ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। अभी तक
इसकी कोई व्यवस्था नहीं थी। एक अधिकारी ने बताया कि अगली बार जो भर्ती
निकलेंगी। उसमें ट्रांसजेंडरों को भी मौका दिया जाएगा। इस बाबत हाल ही में
एक बैठक में चर्चा हुई है। सुप्रीमकोर्ट के
आदेश के तहत ट्रांसजेंडर के लिए विभाग ने अलग से कॉलम बना दिया है। अब
इन्हें प्रवेश का मौका दिया जा रहा है। इन छात्रों की सुरक्षा की
जिम्मेवारी भी आईटीआई प्रबंधन की होगी। छात्रों की संख्या के आधार पर अलग
से सेल भी बनाए जा सकते हैं।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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