मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिक्षा निदेशालय के बाहर 14 दिन से आंदोलनरत
कंप्यूटर शिक्षकों को निजी कंपनियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री भी मान गए हैं कि शिक्षकों
की नियुक्ति बैक डोर एंट्री से नहीं हुई है। अपने निवास पर लगभग
आधा घंटा चली वार्ता में मुख्यमंत्री
ने शिक्षकों को कंपनियों पर कार्रवाई
के बाद शिक्षा विभाग में समायोजन या कोई अन्य पालिसी बनाने का भी आश्वासन
दिया है। मुख्यमंत्री के सकारात्मक रुख से आश्वस्त शिक्षक अब 2 फरवरी को
होने वाली मध्यस्थता बैठक की तैयारियों में जुट गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में
निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ही दो शिक्षक भी शामिल होंगे।
कंप्यूटर टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बलराम धीमान व प्रवक्ता सुरेश
नैन ने बताया कि कंपनियों के करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के सुबूत
मुख्यमंत्री को सौंप दिए हैं। इसके साथ ही पंजाब व हिमाचल में शिक्षकों के
विभाग में समायोजन के लिए बनाई गई पालिसी भी दी गई। 1यदि 2 फरवरी को
कंपनियों को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा।
रविवार को प्रदेश के सभी कंप्यूटर शिक्षक पंचकूला में रोष रैली निकालेंगे।
कंपनियों पर कार्रवाई न होने की स्थिति में प्रदेश के अन्य कर्मचारी
संगठनों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में भाजपा विरोधी आंदोलन छेड़ा जाएगा। उधर, सरकार कंप्यूटर शिक्षकों को आंदोलन जल्द खत्म कराना चाहती है। चूंकि
बीते पंद्रह दिन से स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा की कक्षाएं नहीं लग रही।
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद पहल कर शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया
था।
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साभार: जागरण समाचार
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