Monday, June 19, 2017

उद्योग जगत को दोतरफा राहत जीएसटी रिटर्न नियमों में ढिलाई: प्रस्तावित ई-वे बिल की व्यवस्था फिलहाल लागू नहीं

बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई से लागू करने में जुटी सरकार ने कारोबारियों को दोतरफा राहत दी है। जीएसटी काउंसिल ने शुरुआती दो महीनों- जुलाई और अगस्त में कारोबारियों के लिए रिटर्न
दाखिल करने संबंधी नियमों में ढिलाई देने का फैसला किया है। साथ ही माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए प्रस्तावित ई-वे बिल की व्यवस्था पर अभी और विचार-विमर्श किया जाएगा। इसे फिलहाल लागू नहीं किया जाएगा। काउंसिल की केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में रविवार को हुई 17वीं बैठक में होटलों को राहत देने का भी निर्णय किया गया है। हालांकि, जेटली ने उद्योग व व्यापार जगत की जीएसटी पर अमल टालने की मांग से इन्कार कर दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने बताया कि जीएसटी का क्रियान्वयन सुचारु ढंग से करने तथा इसके लिए रिटर्न दाखिल करने के संबंध में व्यापार व उद्योग जगत की चिंताओं के मद्देनजर पहले दो महीनों में रिटर्न दाखिल करने के नियमों में ढील देने का फैसला किया गया है। पहले दो महीने कारोबारियों को टैक्स का भुगतान एक सामान्य रिटर्न फॉर्म (जीएसटीआर-3बी) के आधार पर करना होगा। जीएसटीआर-बी में कारोबारियों को खरीद-बिक्री का ब्योरा देना होगा। इसे अगले महीने की 20 तारीख से पहले दाखिल करना होगा। इसका मतलब यह है कि जुलाई में की गई खरीद-फरोख्त के लिए जीएसटीआर-3बी 20 अगस्त को तथा अगस्त के लिए 20 सितंबर को दाखिल करना होगा। हालांकि कारोबारियों को जुलाई, 2017 का जीएसटीआर-1 एक से पांच सितंबर तक तथा अगस्त के लिए 16 से 20 सितंबर तक दाखिल करना होगा। जीएसटीआर-1 में कारोबारियों को अपनी बिक्री का ब्योरा देना होगा। मौजूदा प्रावधान के मुताबिक कारोबारियों को जुलाई में हुई बिक्री का ब्योरा 10 अगस्त तथा अगस्त की बिक्री का 10 सितंबर तक जीएसटी नेटवर्क पर उपलब्ध कराना होता। इसी तरह जीएसटीआर-2 जिसमें कि जीएसटीआर-1 से ली गई डिटेल होगी, वह भी जुलाई महीने के लिए 6 से 10 सितंबर तक दाखिल किया जा सकेगा। अगस्त के लिए वे 21 से 25 सितंबर तक यह रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। खास बात यह है कि इस अंतरिम अवधि के दौरान कारोबारियों पर कोई लेट फीस या पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी। यह राहत ऐसे समय दी गई है, जब उद्योग जगत ने तैयारियां अधूरी रहने की वजह बताते हुए जीएसटी के क्रियान्वयन की प्रस्तावित तारीख एक जुलाई को आगे बढ़ाने की मांग की है।
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साभार: जागरण समाचार 
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