Thursday, May 7, 2015

कमीशनखोरी के चक्कर में प्राइवेट स्कूलों नहीं लगवा रहे NCERT की किताबें, होगी कार्रवाई

निजी स्कूलों में हरियाणा बोर्ड के किताबों की बजाय निजी प्रकाशकों की किताबों से स्कूल में पढ़ाई जा रही है। यह प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमर्जी व कमीशन के चक्कर में हो रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए बैठा है। हालांकि जानकारी के अनुसार किसी भी बोर्ड से मान्यता लेने के लिए उसके सभी नियमों
का पालन करना अनिवार्य है। नियम के अनुसार इन स्कूलों में एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई करवाई जानी चाहिए। हैरत इस बात की है कि दसवीं व बाहरवीं को छोड़कर किसी भी कक्षा में एनसीआरटी की किताबें नहीं पढ़ाई जाती। उधर निजी स्कूल संचालक किताब की दुकानों पर एनसीआरटी की किताबें न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
9वीं और 11वीं को त्वज्जो नहीं: प्राईवेट स्कूल बोर्ड का परिणाम अच्छा लाने के चक्कर में बोर्ड कर कक्षाओं को सिलेबस 2-2 साल पढ़ाते हैं। दसवीं की परीक्षा के लिए 9वीं कक्षा में ही दसवीं की पढ़ाई करवाई जाती है। ग्याहरवीं के छात्रों का बाहरवीं की किताबें पढ़ाई जाती है।
नहीं लगा पा रहे हैं अंकुश: हर जिले में डीईओ, डीईईओ डिप्टी डीईओ, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों की फौज होने के बाद भी निजी स्कूलों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त ये स्कूल शिक्षा विभाग के नियम को ठेंगा दिखा रहे हैं। बाजार में एनसीआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं हो पाती। सभी निजी स्कूलाें को हिदायत दी है कि एनसीआरटी की किताबें ही लगवाए, क्योंकि ये किताबें सरकार से मान्यता प्राप्त के साथ सस्ती भी है। अगर कोई प्राईवेट स्कूल संचालक नियम की अनदेखी करता मिलेगा तो उसके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी यज्ञदत्त वर्माके अनुसार जिन स्कूलों में एनसीआरटी की किताबें नहीं लगवाई जा रही हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए खंड शिक्षा अधिकारियाें को आदेश दिए हैं। विभाग की टीमें ऐसे स्कूलों में छापेमारी का अभियान शीघ्र शुरू करेगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
साभार: अमर उजाला समाचार
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