Friday, May 8, 2015

GST: कितना फायदा कितना नुक्सान, जानिए पूरा गणित

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में शुक्रवार को राज्यसभा में टेबल हो सकता है। हालांकि, राज्यसभा में इसे पास कराना सरकार के लिए टेढ़ी खीर है। दरअसल, विरोधी दल अभी भी इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं, लेकिन ये समझना जरूरी है कि जीएसटी से देश की जनता को क्या फायदा, क्या नुकसान है। जीएसटी एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके बाद देशभर में एक समान कर प्रणाली लागू हो जाएगी।
इसके आने से अलग-अलग टैक्स के बजाय एक ही टैक्स देना होगा। आइये समझते हैं जीएसटी का पूरा गणित:
ये चीजें बदल जाएंगी: जीएसटी के लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स सब खत्म हो जाएंगे। राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएंगी। हालांकि पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, रसोई गैस पर अलग-अलग राज्य में जो टैक्स लगते हैं, वो अभी कुछ साल तक जारी रहेंगे। 
आम आदमी को जीएसटी से फायदा: जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है। क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें। मसलन यदि तीन शहरों को नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव। तीनों ही जगह से कार खरीदने पर रेट अलग-अलग हैं। लोग सस्ती के चक्कर में अलग-अलग जगह से कार खरीदते हैं। जीएसटी के बाद ये चक्कर खत्म हो जाएगा। 
2006-07 के आम बजट में हुआ जिक्र: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान कर लगाया जाता है। भारत में वर्ष 2006-07 के साथ आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था। 
जीएसटी लागू होने से क्या है नुकसान: जीएसटी लागू होने से जो नुकसान होगा वह सिर्फ राज्यों को ही होगा। राज्यों में कई तरह के टैक्स वसूले जाते हैं, जो जीएसटी लागू होने के बाद नहीं वसूले जा सकेंगे। इसीलिए राज्य सरकारें पेट्रोलियम और एंट्री टैक्स को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने पर अड़ी थीं। 
ये टैक्स होंगे शामिल: 
  • सेंट्रल जीएसटी
  • सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
  • एडिशनल एक्साइज ड्यूटी
  • सर्विस टैक्स
  • काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी)
  • एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम्स (एडीसी)
  • सरचार्ज, एजुकेशन एवं सेकेंडरी/हायर सेस
  • स्टेट जीएसटी
  • वैट/सेल्स टैक्स
  • परचेज टैक्स
  • एंटरटेनमेंट टैक्स
  • लग्जरी टैक्स
  • लॉटरी टैक्स
  • स्टेट सरचार्ज एवं सेस
इतनी मिलेगी टैक्स में राहत: सामान खरीदते वक्त उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25% रहने की उम्मीद है। 
राज्यों को कमाई कम होने का डर: राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी। खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है। ऐसे में ये राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी है। पेट्रोल-डीजल पर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती वर्षों में लेते रहेंगे। राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र सरकार करेगी। इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा। 
इन देशों में है ये व्यवस्था: न्यूजीलैंड में 15 फीसदी, सिंगापुर में 7 फीसदी, कनाडा क्यूबेक और ब्रिटिश कोलंबिया में पांच फीसदी, नोवा, स्कोटिया में 15 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया 10 फीसदी, यूरोपियन यूनियन में 15 फीसदी GST का प्रावधान है।
साभार: भास्कर समाचार
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