Tuesday, May 5, 2015

मिड डे मील प्राइवेट कम्पनी को देने पर नहीं दी जिला शिक्षाधिकारियों ने अपनी राय

प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील को बनाकर वितरित किए जाने का काम निजी संस्था को दिए जाने को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय बेहद गंभीर है लेकिन लगता है कि जिला स्तर पर बैठे अधिकारियों को यह नया फैसला पसंद नहीं है। इसका खुलासा मौलिक शिक्षा के निदेशक की ओर से जारी पत्र में हुआ है। अब
पुन: निदेशालय ने पत्र भेजकर इस संबंध में प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश जारी किए हैं। यह तो स्पष्ट है कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों में बनने वाले मिड-डे मील को बनाए जाने और वितरण किए जाने की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। लेकिन इस फैसले को विभाग अपने स्तर पर लागू करने की बजाय जिला स्तर से प्रस्ताव मंगवाकर लागू करना चाह रहा है। सूत्र बताते हैं कि निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा गया था कि वे अपने-अपने उपायुक्तों के माध्यम से प्रस्ताव भेजें जिसमें कहा गया हो कि मिड-डे मील की जिम्मेदारी इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को दी जाए। विभागीय सूत्रों की मानें तो सच्चाई यह कि करीब 18 जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारी नहीं चाहते कि यह जिम्मेदारी निजी हाथों में दी जाए। इसलिए जनवरी में आदेश जारी होने के बाद अब तक भी अंबाला, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पंचकुला, पानीपत, पलवल, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर जिलों से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रस्ताव नहीं भेजा गया। हालांकि इस बीच निदेशालय की ओर से दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन प्रस्ताव नहीं मिला।
साभार: जागरण समाचार
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