न्यूजर्सी (अमेरिका) के रॉबिंसविले में स्थित स्वामीनारायण संप्रदाय
का यह मंदिर भारत के बाहर पहला सबसे बड़ा मंदिर है। अमेरिका में न्यूजर्सी
उन स्थानों में शामिल है जहां भारतीयों की सबसे ज्यादा आबादी है। मंदिर का
निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने किया है। लगभग
162 एकड़ में निर्मित इस मंदिर की कलाकृति में प्राचीन भारतीय संस्कृति के
दर्शन होते हैं। न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में स्थित स्वामीनारायण संप्रदाय
का यह मंदिर भारत के बाहर पहला सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर 134 फुट लंबा और 87 फुट चौड़ा है। इसमें 108
खंभे और तीन
गर्भगृह हैं, न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले शहर में स्थित यह मंदिर
शिल्पशास्त्र के मुताबिक बनाया गया है। बीते 10 अगस्त को बीएपीएस के
सर्वेसर्वा प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
अब यह मंदिर आमजन के लिए खोल दिया गया है। 1.8 करोड़ यूएस डॉलर (लगभग 108 करोड़ रुपए) की लागत से निर्माणित इस
मंदिर में 68 हजार क्युबिक फीट इटालियन करारा मार्बल का उपयोग हुआ है। श्री
स्वामीनारायण मंदिर की कलात्मक डिजाइन के लिए 13,499 हजार पत्थरों का
उपयोग किया गया है। पत्थरों पर नक्काशी का पूरा काम भारत में ही करवाया गया
है। नक्काशी का काम पूरा हो जाने के बाद इन्हें समुद्री रास्ते से
न्यूजर्सी पहुंचाया गया था।
1000 सालों तक यूं ही खड़ा रहेगा मंदिर: अमेरिकन पत्रकार स्टीव ट्रेडर ने बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर के दर्शन
कर न्यूजवर्क्स साइट पर लिखा है, ‘मंदिर में प्रवेश करने के बाद अद्भुत
कलाकृतियों पर से नजरें हटाना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा मंदिर के
इंटीरियर के अलावा आउटर भी इस तरह तैयार किया गया है कि यह मंदिर 1000
सालों तक यूं ही खड़ा रहेगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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