Saturday, May 2, 2015

अदरक, अरबी, गाजर: जानिए इन कंदमूल के स्वास्थ्य लाभ

कंद मूल या जड़़ी- बूटियों का नाम सुनते ही सबसे पहले जमीन के नीचे उगने वाले सब्जियों और फलों का ख्याल आता है, चाहे अदरक हो, प्याज, लहसुन या सूरनकंद। इनकी जड़ों में बहुत सारे ऐसे गुण होते हैं जिनका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में भी किया जाता है। आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो जमीन के भीतर उगने वाले पौधे में बहुत सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स छिपे होते हैं। 

  1. अदरक: हर घर की किचन में पाई जाने वाली अदरक बहुत सारे औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। अदरक का वानस्पतिक नाम जिन्जीबर फिसिनेल है।  
  2. जोड़ो की समस्या से छुटकारा: जोड़ों की समस्याओं से जल्द राहत पाने के लिए रात में सोते समय लगभग 4 ग्राम सूखी अदरक, जिसे सोंठ कहा जाता है, रोजाना खानी चाहिए। स्लिपडिस्क या लम्बेगो में इसकी इतनी ही मात्रा पाउडर के रूप में शहद के साथ लेना फायदेमंद होता है।  
  3. गैस और कब्ज में राहत: गैस और कब्ज की समस्या में भी अदरक बहुत लाभदायक होती है। गाउट और पुराने गठिया रोग में अदरक बहुत ही लाभदायक है। अदरक लगभग (5 ग्राम) और अरंडी का तेल (आधा चम्मच) लेकर दो कप पानी में उसके आधे रहने तक उबालें। रोजाना रात को इसे पीने से आराम मिलता है। आदिवासियों का मानना है कि 3 महीने तक ऐसा लगातार किया जाए, तो पुराने से पुराना जोड़ दर्द ठीक हो जाता है।  
  4. दस्त ठीक होता है: दो चम्मच कच्ची सौंफ और 5 ग्राम अदरक को एक गिलास पानी में डालकर इतना उबालें कि बस एक चौथाई पानी बचा रह जाए। दिन में 3-4 बार लेने से दस्त की प्रॉब्लम से छुटकारा मिलता है।  
  5. अरबी: भारत में लगभग हर जगह अरबी और घुईयां की खेती की जाती है, जिसे ज्यादातर लोग पसंद से खाते हैं। अरबी का वानस्पतिक नाम कोलोकेसिया एस्कुलेंटा है।  
  6. पुरुषों के लिए फायदेमंद: अरबी के पत्तों से बनी सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसके पत्तों में बेसन लगाकर भजिये भी तैयार किए जाते हैं और माना जाता है कि ये भजिये वात रोग से पीड़ित व्यक्ति को जरूर खाने चाहिए। जहां एक ओर अरबी का कंद, शक्तिवर्धक होता है, वहीं इसकी पत्तियां भी शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती हैं।  
  7. घाव जल्दी ठीक होते हैं: आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए, तो अरबी के कंदों की सब्जी का रोजाना सेवन दिल के लिए बहुत ही अच्छा होता है। अरबी की पत्तियों की डंठल को तोड़कर जलाया जाए और इसकी राख को नारियल के तेल के साथ मिलाकर घाव और फुन्सियों पर लगाया जाए, तो काफी फायदा मिलता है।  
  8. दूध बनाता है: प्रसव के बाद माताओं में दूध की मात्रा कम हो जाती है, तो अरबी की सब्जी के रोजाना सेवन से ये समस्या दूर हो जाती है। अरबी के पत्तों को इसके डंठल के साथ पानी में उबाला जाए और इस पानी में उचित मात्रा में घी मिलाकर 3 दिनों तक दिन में दो बार पिया जाए, तो लंबे समय से चली आ रही गैस की समस्या भी दूर हो होती है। साथ ही अरबी की सब्जी खाने से उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।  
  9. गाजर: गाजर से लगभग हर कोई वाकिफ है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग प्रकार की डिशेज में किया जाता है। गाजर की पैदावार लगभग पूरे भारत में होती है। गाजर का वानस्पतिक नाम डौकस कैरोटा है। गाजर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फॉस्फोरस, स्टार्च और कैल्शियम के अलावा कैरोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।  
  10. वजन बढ़ाने में सहायक: गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुंदर बना रहता है तथा जरूरी एनर्जी भी बनी रहती है। सबसे अहम बात कि वजन बढ़ाने वाले व्यक्ति के लिए गाजर खाना बहुत ही फायदेमंद होता है। बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है। जिन्हें पेट में गैस बनने की शिकायत हो, उन्हें गाजर का रस या गाजर को उबालकर उसका पानी पीना चाहिए।  
  11. नियमित मासिक धर्म: डांग (गुजरात) के आदिवासी गाजर (25 ग्राम) को पीस लेते हैं और उन महिलाओं को देते हैं, जिन्हें मासिक धर्म संबंधी परेशानियां होती हैं। उनका मानना है कि गाजर को पीसकर पानी में छानकर पीने से बंद मासिक धर्म फिर से शुरू हो जाता है।  
  12. हिचकी बंद होती है: आदिवासियों के अनुसार गाजर के रस की 4-5 बूंदे नाक के दोनों छेदों में डाली जाए, तो हिचकी दूर होती है। हिचकी को दूर करने के लिए गाजर को पीसकर सूंघने से भी लाभ मिलता है। 
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.