राजकीय महाविद्यालयों में सेवारत सहायक प्रोफेसरों को एमफिल और पीएचडी की योग्यता पर अतिरिक्त वेतन वृद्धी जल्द दी जाएं। यह आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि समय और धन की बरबादी किए बिना याचिकाकर्ताओं को
नियमानुसार परिलाभ दिए जाए। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने एमफिल और पीएचडी की योग्यता पर अतिरिक्त वेतनवृद्धि देने के लिए नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने की शर्त लगा रखी है। इसके विपरीत याचिकाकर्ता सहायक प्रोफेसरों ने नेट के समकक्ष स्लैट या सेट परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है। उनका चयन भी स्लैट या सेट की पात्रता के आधार पर ही हुआ है। याचिकाकर्ताओं के वकील सज्जन मलिक ने हाईकोर्ट में दलील दी कि जब सहायक प्रोफेसर पद के लिए एमफिल और पीएचडी की योग्यता के साथ नेट या स्लैट की योग्यता अनिवार्य है तो अतिरिक्त वेतनवृद्धियां देने के मामले में केवल नेट की शर्त ही क्यों लगा रखी है, जबकि स्लैट या सेट भी नेट के समकक्ष योग्यता है।
जारी किया था लीगल नोटिस: इस संबंध में राज्य सरकार को इस वर्ष पांच जनवरी को लीगल नोटिस जारी किया गया था। जिस पर सरकार के द्वारा उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय में न्यायाधीश सतीश कुमार मित्तल और न्यायाधीश हरेन्द्र सिंह सिंधू की डबल बेंच ने उक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर मामले के गुण-अवगुण को देखते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि पूर्व में जारी लीगल नोटिस पर ध्यान दे और निर्धारित नियमों के अनुसार स्पष्ट आदेश जारी करते हुए मामले का निपटारा यथाशीघ्र करे।
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साभार: भास्कर समाचार
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