अम्बाला में जंडली की इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले 25 वर्षीय विपिन को पुलिस ने शनिवार रात करीब दो बजे कैंट में आईओसी डिपो की लाइट के नीचे बीटेक फोर्थ समेस्टर की आंसरशीट पूरी करते पकड़ा जिसे उसने एसडी
कॉलेज के क्लर्क के साथ सेटिंग करके निकलवाया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पुलिस ने उसके पास से आंसरशीट, प्रश्न पत्र, गाइड पेन भी बरामद किया है। फिलहाल पुलिस ने विपिन पर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सिटी की जंडली स्थित इंद्रा कॉलोनी का विपिन मुलाना के गुरुनानक इंस्टीट्यूट से बीटेक कर रहा है। वह बीटेक फोर्थ समेस्टर के एग्जाम दे रहा है। बीती दो जून को उसने डायनेमिक ऑफ मशीन की परीक्षा दी थी। उसका यह एग्जाम ठीक नहीं हुआ था इसलिए उसने एसडी कॉलेज के क्लर्क संजीव से सेटिंग करके आंसरशीट निकाली। फिर शनिवार रात वह उसे आईओसी डिपो की लाइट के नीचे बैठकर पूरा कर रहा था। मगर विपिन के इस कारनामे की भनक पुलिस को लग गई। उसी समय पुलिस ने आईओसी डिपो के पास रेड की। जहां विपिन गाइड से नकल करके आंसरशीट पूरी कर रहा था तभी पुलिस ने विपिन को आंसरशीट, गाइड, प्रश्न पत्र पेन सहित हिरासत में लिया। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की।
कॉलेज के क्लर्क संजीव से ली थी आंसरशीट: एक युवक को आंसरशीट पूरी करते पकड़ा है जिस पर केस दर्ज करके रिमांड पर लिया है। यह आंसरशीट उसने एसडी कालेज के क्लर्क संजीव से ली थी। - संदीप मोर, इंचार्ज, सीआईए दो अम्बाला।
एसडी कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्यरत संजीव बीटेक फोर्थ समेस्टर में पढ़ने वाले विपिन का पड़ोसी है जिससे बातचीत करने के बाद आंसरशीट निकाली गई। क्योंकि इन दोनों के बीच आंसरशीट को पूरा करने की एवज में करीब 30 से 40 हजार के बीच सौदा हुआ था। खास बात यह है कि विपिन को इस खेल की पूरी जानकारी थी। वह जानता था कि एग्जाम सेंटर के बाद आंसरशीट कहां पहुंचती है और आगे कितने दिन में यूनिवर्सिटी रवाना होती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा विपिन ने कितनी बार किया और अब से पहले एसडी कॉलेज के क्लर्क ने कितने बच्चों को आंसरशीट निकालकर दी।
एसडी कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्यरत संजीव बीटेक फोर्थ समेस्टर में पढ़ने वाले विपिन का पड़ोसी है जिससे बातचीत करने के बाद आंसरशीट निकाली गई। क्योंकि इन दोनों के बीच आंसरशीट को पूरा करने की एवज में करीब 30 से 40 हजार के बीच सौदा हुआ था। खास बात यह है कि विपिन को इस खेल की पूरी जानकारी थी। वह जानता था कि एग्जाम सेंटर के बाद आंसरशीट कहां पहुंचती है और आगे कितने दिन में यूनिवर्सिटी रवाना होती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा विपिन ने कितनी बार किया और अब से पहले एसडी कॉलेज के क्लर्क ने कितने बच्चों को आंसरशीट निकालकर दी।
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साभार: भास्कर समाचार
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