अगर पिछले साल बिहार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में रूबी राय के टॉप करने से शिक्षा व्यवस्था बदनाम हुई थी तो इस बार बोर्ड की सख्ती से 65 प्रतिशत छात्रों के फेल होने के बाद राज्य में गंभीर चिंता की
स्थिति पैदा हुई है। वैसे 1996 में राज्य में महज चौदह प्रतिशत बच्चे पास हुए थे। तब परीक्षा हाईकोर्ट की निगरानी में हुई थी। मंगलवार को रिजल्ट जारी करते समय प्रदेश शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि यह नतीजा परीक्षा के दौरान फूल-प्रूफ व्यवस्था का परिणाम है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या ऐसी ही फूल-फ्रूफ व्यवस्था पढ़ाई की भी हुई? सीधा जवाब है-नहीं। परीक्षा में नकल होती है तो बिहार की बदनामी का रिकॉर्ड टूटता है। रूबी राय जैसे पात्र सामने आते हैं। कड़ाई करते हैं तो 65 फीसदी बच्चे फेल हो जाते हैं। दोनों ही स्थितियां बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ी करती हैं। स्कूलों में शिक्षकों का घोर अभाव है। बारह हजार से अधिक पद रिक्त हैं। जब पढ़ाने वाले ही नहीं हैं तो बच्चे फेल होंगे ही। परीक्षा तो दूर, बिना पढ़ाई का इंतजाम किए बच्चों को प्रवेश देना, उनसे उम्दा रिजल्ट की आशा करना क्या अपराध नहीं है? यह तो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई में सुधार लाना होगा। हर अगले स्तर की पढ़ाई में आधे बच्चों के ड्रॉप आउट को रोकना होगा, क्योंकि यह जमात आंकड़ों में साक्षरता दर तो बढ़ाती है, लेकिन राज्य के मानव संसाधन का हिस्सा बनने की बजाय महानगरों में मजदूर बनती है। अकुशल मजदूर। राज्य के पिछड़ेपन की बड़ी वजह है यह। यह बिहार की ही समस्या नहीं है, हर राज्य में शिक्षा की यही हालत है। मानव विकास के तमाम सूचकांकों को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने का सपना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, साक्षरता दर नहीं, राज्य में उच्च शिक्षा के तेरह प्रतिशत के करीब ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो (जीईआर) में वृद्धि के बूते देखते हैं। यह बेहतर सपना है। यह तभी कामयाब होगा जब शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी। इसके साथ ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर आधारित मूल्यों से प्रेरित सुधार के साथ जरूरत ऐसी शिक्षा प्रणाली की है, जो छात्र में चरित्र और साहस का संचार करे और उन्हें समाज के लिए जिम्मेदार बनाए।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.