हरियाणा की शिक्षा नीति के मुरीद हुए अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने तमाम पहलुओं पर मंथन शुरू कर दिया है। हरियाणा के प्रतिनिधियों ने स्किल डेवलपमेंट, स्कूल लीडरशिप प्रोग्राम और ज्वॉयफुल लनिर्ंग पर
प्रेजेंटेशन देकर बताया कि कैसे बच्चों को स्कूलों की तरफ आकर्षित किया जा सकता है। इसी कड़ी में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की अगुवाई में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश समेत उत्तर भारत के आठ राज्यों की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में जिन-जिन प्रदेशों ने नए-नए प्रयोग या अनुप्रयोग किए हैं, उन्हें आपस में साझा किया जाएगा। पहले दिन स्कूल शिक्षा में नवीनता और कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने पर विचार किया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि राज्य में अब बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए सुधार को चुनौती के रूप में लिया जाएगा। बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देकर उन्हें कैसे रोजगारपरक बनाया जाए, इस पर फोकस रहेगा। राज्य में न्यूनतम दूरी पर स्कूल स्थापित किए जाएं, इस उपलब्धि को हमने प्राप्त कर लिया है, परंतु शिक्षा में गुणात्मक सुधार एक चुनौती है। दास ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बच्चों को दक्ष बनाया जा रहा है स्कूल लीडरशिप कार्यक्रम के तहत मुख्य अध्यापकों, प्रधानाचार्य व बीईओ को ओरियंटेशन व प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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साभार: जागरण समाचार
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