Wednesday, June 7, 2017

बीएचयू, एमयू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित

मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रम में 50 फीसद इन हाउस कोटा रद करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
(एएमयू) की याचिकाओं पर बहस सुनकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बुधवार को फैसला सुना सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गत 29 मई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीजी प्रवेश में 50 फीसद इन हाउस (इन्स्टीट्यूशनल कोटा) रद कर दिया था। हाई कोर्ट ने उन पचास फीसद सीटों पर नीट की रैंकिंग के हिसाब से बाहर के कालेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को प्रवेश देने का आदेश दिया था। बीएचयू और एएमयू ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने दोनों विश्वविद्यालयों, एमसीआइ और उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
उन्होंने सौरभ चौधरी मामले में दिये गये कोर्ट के पूर्व आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उसमें सिर्फ 50 फीसद सीटें ही आल इंडिया कोटे से भरने की बात कही गई है।
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साभार: जागरण समाचार 
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