मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो गया है। मंदसौर में पुलिस ने आंदोलकारी किसानों पर फायरिंग कर दी। इससे छह किसानों की मौत हो गई। तीन लोग जख्मी हो गए। इसमें एक की हालत गंभीर बनी
हुई है। इससे गुस्साई भीड़ ने 25 ट्रकों और अन्य वाहनों पर आग लगा दी। मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पुलिस ने किसानों पर फायरिंग नहीं की है। उन्हें तो गोली चलाने का आदेश तक नहीं था। जबकि किसानों का कहना है कि सीआरपीएफ और पुलिस ने बिना चेतावनी दिए फायरिंग शुरू कर दी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मंदसौर-पिपलियामंडीमें कर्फ्यू लगा दिया गया, जबकि नारायणगढ़, नाहरगढ़, मल्हारगढ़ और बूढ़ा में धारा 144 लागू कर दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए आसपास के सभी जिलों में मोबाइल इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई है। आंदोलनकारी किसान संगठनों ने बुधवार को प्रदेश बंद का ऐलान किया है। इस बीच मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मामले के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। देर रात मृतकों का मुआवजा 10-10 लाख से बढ़ाकर 1-1 करोड़ रुपए कर दिया गया। इससे पहले सीएम समीक्षा बैठक में मृत किसानों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई। इस बीच दलौदा में पटरियों की चाबियां उखाड़ दी गईं।
ऐसे बिगड़े हालात:
हाईवे पर हजारों किसानों के बीच घिर गई थी पुलिस: मंदसौर और पिपलिया मंडी के मध्य बही पार्श्वनाथ फोरलेन पर सुबह 11.30 बजे एक हजार किसानों ने चक्काजाम कर दिया। पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की। इससे स्थिति बिगड़ गई। किसानों ने पथराव शुरू कर दिया। हाईवे पर ट्रकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन किसान खेतों में फैल गए और पथराव शरू कर दिया। बूढ़ा पुलिस चौकी में आग लगा दी। इससे पहले सुबह 9.30 बजे मंदसौर-सीतामऊ रोड पर डिगांव में भी किसानों ने चक्काजाम कर हंगामा किया था। फतेहगढ़ भावगढ़ फंटे पर हाईवे भी जाम किया।
यहहैं किसानों की मांगें:
- किसानों का कर्ज माफ किया जाए।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसलों की कीमत लागत से 50% ज्यादा कीमत दी जाए।
- खेती के लिए बिना ब्याज कर्ज।
- किसानों को पेंशन स्कीम दी जाए।
- मंडी शुल्क बढ़े बिल वापस हों।
महाराष्ट्रके सीएम बोल- 31 अक्टूबर तक माफ होगा कर्ज: महाराष्ट्र में भी कई जगह प्रदर्शन जारी रहा। सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि किसानों का कर्ज 31 अक्टूबर तक माफ कर दिया जाएगा। 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को इससे लाभ होगा। इसकी रूपरेखा तय हो रही है।
हरियाणामें एक माह से धरने-प्रदर्शन: हरियाणा में भी इन्हीं मांगों को लेकर किसान एक माह से अलग-अलग जिलों में धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। 9 अगस्त को करनाल में 'कर्जा छोड़ो नहीं तो सत्ता छोड़ो' रैली कर विरोध जताएंगे।
गृहमंत्री पलटे, बातचीत का ऑडियो हो रहा वायरल: गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बयानों से विवाद की स्थिति बन गई। उनके एक बयान का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें उन्होंने माना कि पुलिस ने ही किसानों पर फायरिंग की। 'भास्कर' ने जब इस ऑडियो टेप के बारे में गृहमंत्री से पूछा तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। कहा- सबकुछ न्यायिक जांच से सामने जाएगा। इससे पहले गृहमंत्री ने कहा था कि किसानों पर भीड़ ने ही गोली चलाई।
कलेक्टर बोले- बॉडीमें फंसी बुलेट बताएंगी गोली किसने मारी: कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने दावा किया कि पुलिस को फायरिंग के आदेश नहीं थे। अब डेड बॉडी में फंसी गोली से ही पता चलेगा कि इसे किसने चलाया था। वहीं सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट अमित कुमार अटूट ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि गोली हमारी तरफ से चलाई गई थी या पुलिस ने चलाई।
अनियंत्रित भीड़ मचा रही उत्पात, कोई नेता नहीं : मंदसौर, दलौदा, पिपल्या मंडी में दो दिन से किसान आंदोलन के नाम पर अनियंत्रित भीड़ उत्पात मचा रही है। इसका कोई नेता नहीं है। ये लोग सब्जी विक्रेता और व्यापारियों से विवाद करते हैं। वाहनों को निशाना बना रहे हैं। मंदसौर के किसान यूनियन अध्यक्ष भगतराम बोराना ने कहा कि उत्पात मचाने वालों का यूनियन से कोई लेना-देना नहीं है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कांग्रेस और असामाजिक तत्व हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- सरकार ने किसानों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.