संयुक्तमैरिट लिस्ट की वजह से कट ऑफ से बाहर हुए 1259 जेबीटी को नौकरी बचने के दो विकल्प बचे हुए हैं। कोर्ट यदि 9876 सीट से ज्यादा सीट भरने की इजाजत दे देता है, तो जितनी ज्यादा सीट की इजाजत मिलेगी
उतने ही जेबीटी की नौकरी बहाल हो सकती है। इसके लिए सरकार की ओर से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
जब तक इस अपील का निर्णय नहीं हो जाता तब तक जेबीटी को नौकरी पर नहीं रखा जा सकता है। इसके अलावा कोर्ट ने कुछ सीट रखने के भी आदेश शिक्षा विभाग को दे रखे हैं। विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि हमारी कोशिश है कि इनकी नौकरी जाए। इसको ध्यान में रखकर हम प्रयास कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे जेबीटी को बार-बार यही सुझाव दिया जा रहा है कि वे इंतजार करें।
1500 पदों का निर्णय होगा एफएसएल रिपोर्ट के बाद: इधर, एफएसएल ने 1500 जेबीटी के अंगूठे मिलान की रिपोर्ट पर संदेह जताया है। इस पर भी अंतिम निर्णय होना बाकी है। इन्हें नौकरी के अयोग्य घोषित कर दिया जाए तो 1259 को उनकी जगह आसानी से रखा जा सकता है, क्योंकि तब 1500 पद खाली हो जाएंगे। इन पदों पर संयुक्त मेरिट लिस्ट से निकाले जेबीटी मेरिट में सकते हैं। इसके अलावा हाल फिलहाल उन्हें नौकरी पर रखने का कोई अन्य विकल्प सरकार के पास नहीं है।
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साभार: भास्कर समाचार
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