Saturday, August 13, 2016

चीन ने दिया दिलासा: दिल छोटा न करो, भारत के लिए NSG के रास्ते अभी भी खुले हैं

चीन ने अपने पूर्ववर्ती रुख में बदलाव लाते हुए कहा है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं। साथ ही उसका यह भी कहना है कि भारत को दक्षिण चीन सागर (एससीएस) विवाद में चीन की चिंताओं को पूरी तरह समझना चाहिए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी
शिन्हुआ ने कहा है कि भारत और चीन परस्पर प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि एक-दूसरे के सहभागी हैं। दोनों को आपसी असहमति कम करने के लिए मिल कर काम करना चाहिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिन्हुआ ने अहम विषय पर चीन का संदर्भ ऐसे समय पेश किया है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी का भारत का तीन दिन का दौरा शुक्रवार से आरंभ हुआ। दोनों देशों के बीच एनएसजी पर कुछ माह पूर्व हुए विवाद के बाद चीन का इस तरह का बयान पहली बार आया है।
भारत का आरोप गलत: समाचार एजेंसी के अनुसार भारत का यह आरोप गलत है कि एनएसजी में उसकी प्रविष्टि चीन ने रोकी। ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं है कि परमाणु अप्रसार संधि(एनपीटी) पर हस्ताक्षर किए बिना कोई देश एनएसजी का सदस्य बन गया हो। एजेंसी ने कहा, भारत को दिल छोटा नहीं करना चाहिए क्योंकि एनएसजी में उसके प्रवेश का रास्ता पूरी तरह बंद नहीं हुआ। भविष्य की वार्ताएं अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार तंत्र की रक्षा करने पर केंद्रित होनी चाहिए। इसमें स्वयं भारत की बड़ी हिस्सेदारी है। एजेंसी ने यह उल्लेख नहीं किया कि चीनी विदेश मंत्री भारत यात्र के दौरान एनएसजी पर भारत के संदर्भ में कोई नया प्रस्ताव रखेंगे अथवा नहीं।
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साभारजागरण समाचार 
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