Friday, August 12, 2016

चौटाला पिता-पुत्र की पेंशन पर अभी नहीं लगेगी रोक

पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र डा. अजय सिंह चौटाला की पेंशन रोकी नहीं जा सकती। पिता-पुत्रों की ओर से विधानसभा सचिव के समक्ष पेश हुए उनके वकील नरेश एस शेखावत ने सुप्रीम कोर्ट की कई रुलिंग्स का हवाला देते हुए इसी तरह की दलीलें पेश की हैं। विधानसभा सचिव राजेंद्र सिंह नांदल ने चौटाला
पिता-पुत्र की पेंशन रोकने संबंधी मामले में सुनवाई पूरी कर ली है। याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने पेंशन रोके जाने के आधार गिनवाए। चौटाला के वकील शेखावत ने एचसी अरोड़ा की जनहित याचिका पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में केस बनता ही नहीं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नांदल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर पेंशन मामले की सुनवाई कर रहे हैं। बहस पूरी होने के बाद अब नांदल दोनों पक्षों की ओर से दिए गए दस्तावेजों की जांच करेंगे। नांदल अगले सप्ताह फैसला सुना सकते हैं। एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 10-10 वर्ष की सजा होने के बाद चौटाला व अजय सिंह विधानसभा से पूर्व विधायक होने के नाते पेंशन नहीं ले सकते। हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिव को इस मामले में फैसला देने के आदेश दे रखे हैं।
विधानसभा नियमों के तहत मिल रही पेंशन: बृहस्पतिवार को शाम चार बजे सुनवाई शुरू हुई और करीब 20 मिनट में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात सचिव के सामने रखी। चौटाला के वकील नरेश एस शेखावत ने कहा कि पेंशन का मामला सर्विस मैटर में आता है। इसमें जनहित याचिका दायर ही नहीं हो सकती। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की कई रुलिंग हैं। पूर्व विधायक होने के नाते पिता-पुत्रों को विधानसभा नियमों के तहत पेंशन मिल रही है। विधानसभा के नियमों में भी स्पष्ट है कि पेंशन नहीं रोकी जा सकती। अरोड़ा पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। उनकी यह दूसरी याचिका भी औचित्यहीन है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में पेंशन के हकदार नहीं: एचसी अरोड़ा ने कहा कि विधानसभा सदस्यों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन एक्ट-1975 के सैक्शन 7-ए (1-ए) में स्पष्ट है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत अयोग्य ठहराए जा चुके सदस्य उस अवधि तक पेंशन के हकदार नहीं होंगे। जब तक कि वे अयोग्य ठहराए गए हैं। ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला को 10 साल की सजा सुनाई गई है। ऐसे में वे विधानसभा से पेंशन के हकदार नहीं हो सकते।दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई है। एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने लिखित में अपनी दलीलें दी हैं। चौटाला पिता पुत्रों की ओर से उनके अधिवक्ता नरेश शेखावत ने भी लिखित में जवाब दिया है। दोनों दस्तावेजों की जांच के बाद फैसला सुनाएंगे। - राजेंद्र सिंह नांदल, विधानसभा सचिव, हरियाणा
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साभारजागरण समाचार 
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