Thursday, August 4, 2016

अब मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने वाला धर्मबीर फंस डोप के जाल में

रियो डि जेनेरियो में शुक्रवार से शुरू हो रहे ओलंपिक से पहले भारत के अभियान को एक और झटका लगा है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधक एजेंसी (नाडा) की अनुशासनात्मक समिति के नरसिंह यादव को साजिश का शिकार बताने के बाद भारतीय खेमे में जो खुशी आई थी वह मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने वाले 200 मीटर के धावक
धर्मबीर सिंह के डोप टेस्ट का ‘ए’ नमूना फेल होने के साथ मायूसी में बदल गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ये एथलेटिक्स के लिए दोहरा झटका है, क्योंकि इससे पहले गोला फेंक एथलीट इंद्रजीत सिंह भी डोप टेस्ट में फंस चुके हैं और उनके दोनों नमूने फेल होने के कारण अब यह तय हो गया है कि वह रियो नहीं जा पाएंगे। धर्मबीर को मंगलवार को रियो डि जेनेरियो निकलना था, लेकिन नाडा ने उन्हें जाने से रोक दिया। हालांकि धर्मबीर ये कहकर अपना बचाव कर रहे थे कि उन्हें वायरल हो गया है इसलिए वह दस तारीख को रियो जाएंगे। अभी उनके ‘बी’ सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन ये देखा गया है कि जिस एथलीट का ‘ए’ नमूना फेल होता है उसका ‘बी’ नमूना भी फेल ही होता है। उनके ओलंपिक खेलों में जाने पर अंतिम फैसला ‘बी’ नमूने की रिपोर्ट आने के बाद होगा। रोहतक के धर्मबीर ने कहा कि उन्हें वायरल था और उन्होंने बीमारी के कारण दवा ली थी। 1धर्मबीर तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जो रियो ओलंपिक के लिए भारत से चुने गए और बाद में डोप में फेल हुए। धर्मवीर से पहले पहलवान नरसिंह और एथलीट इंद्रजीत के डोप टेस्ट फेल हुए थे, लेकिन नरसिंह को नाडा ने बड़ी राहत दी थी। धर्मबीर 36 साल बाद 200 मीटर रेस में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारतीय बने थे। इस स्पर्धा में भाग लेने वाले आखिरी भारतीय तमिलनाडु के पेरुमल सुब्रहृमणयम थे, जिन्होंने 1980 के खेलों में हिस्सा लिया था। सूत्रों के मुताबिक 11 जुलाई को बेंगलूर में इंडियन ग्रांप्रि के दौरान नाडा द्वारा लिए गए उनके ‘ए’ नमूने में एनाबालिक स्टेरायड पाया गया है। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने एक और एथलीट के डोप टेस्ट में फंसने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने किसी का नाम लेने से इन्कार किया। नाडा ने उससे पूछा है कि क्या वह अपने ‘बी’ नमूने की जांच कराना चाहता है और उनके पास प्रक्रिया पूरी करने के लिए सात दिन का समय है। ‘बी’ नमूना भी फेल होने पर उनका ओलंपिक से होना तय है और ऐसे में दूसरा अपराध होने के कारण उन पर आठ साल का प्रतिबंध भी लग सकता है। उन्हें 2012 में अंतर राज्य चैंपियनशिप में 100 मीटर की दौड़ का स्वर्ण पदक गंवाना पड़ा था जब उसने जरूरी डोप टेस्ट नहीं दिया था।
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साभार: भास्कर समाचार 
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