Monday, August 22, 2016

परंपरा के प्रतिकूल इस बार जनवरी में पेश हो सकता है बजट

दशकों से फरवरी के अंतिम दिन आम बजट पेश होता आया है। लेकिन अब इस परंपरा पर विराम लग सकता है। सरकार इसे एक माह पहले यानी जनवरी के अंत में पेश करने पर विचार कर रही है। ऐसा होने पर अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से पहले सारी बजट प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। वित्त मंत्रलय समूची बजट प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव कर रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके तहत वर्तमान में रेल व आम बजट को अलग-अलग पेश करने की व्यवस्था खत्म होगी। बजट दस्तावेज भी पतला हो सकता है। चूंकि जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो चुका है, लिहाजा बजट दस्तावेज में उत्पाद शुल्क, सेवा कर व उपकरों का ब्योरा देने की जरूरत नहीं रहेगी। योजना व गैर-योजना व्यय के अंतर को भी खत्म करके पूंजीगत व राजस्व व्यय के रूप में पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्रलय समूची बजट प्रक्रिया में कर रहा बदलाव: नए वित्त वर्ष पर भी विचार1देश में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से होती है और 31 मार्च को यह खत्म हो जाता है। सरकार पहले ही इस व्यवस्था की व्यवहार्यता की समीक्षा के लिए समिति गठित कर चुकी है। समिति दिसंबर में रिपोर्ट सौंपेगी। यह देखेगी की मौजूदा वित्त वर्ष की व्यवस्था के क्या फायदे और नुकसान हैं।

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साभारजागरण समाचार 
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