Tuesday, August 2, 2016

अब निजी कंपनियां भी करेंगी यात्री ट्रेनों का संचालन; प्लेटफाॅर्म, ट्रेन से लेकर ट्रैक-सिग्नल-किराया सब उनका, रेलवे ने मांगे प्रस्ताव

दुनिया की कोई भी कंपनी अब भारत में अपनी निजी ट्रेन चला सकेगी। इसके लिए कंपनियों को ही ट्रेन, प्लेटफाॅर्म, सिग्नल, उनका संचालन, किराया तय करना और टाइम टेबल बनाना होगा। रेलवे ने इसके लिए रास्ता खोल दिया है। ये ट्रेनें अत्याधुनिक लेविटेशन बेस्ड तकनीक (मेगलेव ट्रेन जैसी) से चलेंगी। यह तकनीक
फिलहाल सिर्फ चीन, जापान और जर्मनी के पास है। इनमें ट्रेनों की न्यूनतम स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रेलवे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनियों से इसके लिए प्रस्ताव भी मांगे हैं। दरअसल, ट्रेनों के संचालन में निजीकरण के विरोध को देखते हुए रेल मंत्रालय ने यह नया रास्ता ढूंढा है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक मैकेनिकल इंजीनियरिंग (विकास) नितिन चौधरी ने कंपनियों के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें पीपीपी मॉडल पर कंपनियों को अपनी ट्रेन चलाने का ऑफर दिया गया है। फिलहाल रेलवे ने 6 सितंबर तक कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं। रेलवे बोर्ड के सदस्य (मैकेनिकल) हेमंत कुमार का कहना है कि लेविटेशन बेस्ट ट्रेन सिस्टम देश के लिए नई तकनीक होगी जो यात्रियों को सफर का नया अनुभव देगी। कंपनियों के इच्छा जताने के बाद प्रोजेक्ट का टेंडर जारी होगा, उससे पहले इस तरह की ट्रेन के लिए रूट तय कर लिए जाएंगे। 
रेलवे के प्रस्ताव में यह नियम शर्तें:
  • कंपनियां ट्रेन तैयार करेंगी। प्लेटफॉर्म, ट्रैक, सिग्नल की स्थापना, संचालन और रखरखाव करेंगी। 
  • रेलवे सिर्फ जमीन देगा। यह ट्रेन रेलवे की मौजूदा पटरी से अलग एलीवेटेड ट्रैक पर चलेंगी। 
  • रेलवे इस प्रोजेक्ट में हिस्सा पूंजी लगाएगा और उसी अनुपात में मुनाफा लेगा। 
  • रुचि रखने वाली कंपनी को पहले 10-15 किलोमीटर का टेस्ट ट्रैक पर ट्रेन चलाकर दिखानी होगी। 
  • सिम्यूलेटर पर ट्रेन कैसी होगी, कैसे चलेगी और यात्री किस तरह सफर कर सकेंगे, यह दिखाना होगा। 
  • तकनीकी खामी ठीक करने और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदार भी कंपनियां ही होंगी। 

कंपनी दे सकेगी पेड एड ऑन सर्विसेस: रेलवे ने प्रस्ताव में तय किया है कि ट्रेन चलाने वाली कंपनी को पूरी स्वतंत्रता अधिकार दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट की लागत कंपनियों से प्रस्ताव में पूछी गई है। कंपनी को छूट होगी कि वह यात्री सुविधा के लिए एड ऑन सर्विसेस (वाईफाई, मूवी, खाना इत्यादि) लागू कर उनका चार्ज वसूल सकेगी। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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