हरियाणा के बिजली निगमों में कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे, लेकिन खाली पदों पर नई भर्तियां नहीं की जा रही हैं। भर्तियों के अभाव में कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। बिजली निगमों ने अस्थायी इंतजाम करते हुए पहले से ठेके पर काम कर रहे 4450 कर्मचारियों का अनुबंध भी बढ़ा दिया है। इनमें अधिकतर
सहायक लाइनमैन हैं। फिलहाल छह माह के लिए उनका अनुबंध बढ़ा दिया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि बिजली निगमों में करीब 55 हजार कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन काम 32 हजार कर रहे हैं। ठेके पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की संख्या 11 हजार है। इनमें से 1588 कर्मचारी बिजली निगमों ने खुद ही ठेके पर भर्ती कर रखे हैं। बाकी कर्मचारियों की भर्ती ठेकेदार के माध्यम से हो रखी है। ये कर्मचारी वर्ष 2008-09 से काम कर रहे हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एमडी ने आदेश जारी कर सीधे भर्ती 1588 कर्मचारियों, स्वीकृत पदों के विपरीत भर्ती 2099 कर्मियों तथा पद स्वीकृत नहीं होने के बावजूद भर्ती 763 कर्मचारियों का अनुबंध छह माह के लिए बढ़ाने का परिपत्र जारी किया है। इन कर्मचारियों को 9900 रुपये वेतन मिलता है और उनका पीएफ और ईएसआई भी काटा जाता है। जिन कर्मचारियों का अनुबंध बढ़ाया गया है, उनमें सहायक लाइनमैन, लिपिक, ड्राफ्टमैन, चपरासी और डाटा एंट्री आपरेटर शामिल हैं। बिजली कर्मियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य सुभाष लांबा के अनुसार पहले से काम कर रहे कर्मचारियों का अनुबंध बढ़ाना अच्छा फैसला है, लेकिन बिजली निगमों को खाली पदों पर नई भर्तियां करनी चाहिए। बिजली विभाग में कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे हैं, लेकिन नई भर्तियां नहीं की जा रही हैं। बिजली कर्मियों की हड़ताल के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन गुप्ता ने करीब पांच हजार नई भर्तियां शुरू करने का दावा किया था, लेकिन इस दिशा में भी अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।
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साभार: जागरण समाचार
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