मंगलमुखीको उच्च शिक्षा की धारा से जोड़ने और समाज में उनके प्रति सोच में बदलाव लाने की पहल के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने केयूके के माध्यम से कॉलेजों को आदेश जारी किए हैं। केयूके के आदेशानुसार नए शैक्षणिक सत्र के दौरान कालेजों के प्रवेश फार्म में लिंग वाले
कॉलम में महिला और पुरुष के अलावा तीसरा कॉलम ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए एक अन्य विकल्प के रूप में शामिल करना होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके अलावा मंगलमुखी को शैक्षणिक अन्य सुविधाएं भी देने के आदेश जारी हुए हैं।
कॉलेज में ये दी जाएंगी शैक्षणिक सुविधाएं: यूजीसीके अनुसार ट्रांसजेंडर को अलग से शौचालय, विश्राम कक्ष और इंफ्रास्ट्रक्चर दिए जाएंगे। कॉलेज अपने स्तर पर ट्रांसजेंडर को उच्च शिक्षा के लिए जो बेहतर सुविधा देना चाहते दे सकता है।
ट्रांसजेंडरके लिए वर्कशॉप: ट्रांसजेंडरको जागरूक करने के लिए कॉलेज उनके संबंधित शिक्षण संस्थानों में वर्कशॉप करना अनिवार्य होगा। इनमें शिक्षक विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। उनमें ट्रांसजेंडर के प्रति जागरूकता लाई जाएगी, ताकि उनकी सोच में ट्रांसजेंडर के प्रति सकारात्मक परिवर्तन हो।
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साभार: भास्कर समाचार
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