18 अगस्त, 1945 स्थान : ताईपे, ताइवान; जापान की सेना का बॉम्बर विमान साईगोन एयरस्टिप से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस उसमें सवार थे। केंद्र सरकार ने उस घटना के लगभग 70 वर्षो बाद नेताजी से जुड़ी सौ फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद
उनकी मौत के रहस्य से पूरा पर्दा नहीं उठ पाया है। हां, इन फाइलों के सामने आने से अब इस बात में कोई शक नहीं रह गया कि आजादी के लगभग 40 वर्षो तक कांग्रेस की विभिन्न सरकारों ने नेताजी से जुड़े मामलों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के करीबी परिजनों और कैबिनेट के अपने सहयोगियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय अभिलेखागार में नेताजी के जीवन और उस दुखद विमान हादसे के बाद से जुड़ी 100 फाइलों के सार्वजनिक प्रदर्शनी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इन गोपनीय फाइलों में ब्रिटिश राज से लेकर वर्ष 2007 तक के बोस से जुड़े रिकार्ड हैं। नेताजी की सुपुत्री अनिता बोस, बोस परिवार के प्रवक्ता चंद्र कुमार बोस, उनके भतीजे एसके बोस और अरधेंदु बोस के लिए इन दस्तावेज का सामने आना एक भावुक क्षण था। सुभाष चंद्र बोस के परपोते और बोस परिवार के प्रवक्ता चंद्र कुमार बोस ने कहा कि वह तहे दिल से प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत करते हैं। यह दिन भारत में पारदर्शिता के लिए याद किया जाना चाहिए। हम लोग मानते हैं कि कांग्रेस शासनकाल में सच्चाई को छिपाने के लिए कई बहुत महत्वपूर्ण फाइलें नष्ट कर दी गईं।
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साभार: जागरण समाचार
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