Friday, January 22, 2016

चुनाव नजदीक होने के कारण जाटों को बिना सर्वे के ही दिया आरक्षण - शैलजा

हरियाणा से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा ने माना कि जाट समुदाय को आरक्षण का लाभ देने से पहले कांग्रेस सरकार ने सर्वे नहीं कराया था। सैलजा ने अपनी पार्टी का बचाव भी किया। उन्होंने कहा चूंकि चुनाव आने वाले थे और जाट आरक्षण की मांग भी बहुत ज्यादा की जा रही थी।
इसलिए सरकार को सर्वे कराने का समय ही नहीं मिला था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में पत्रकारों से रूबरू कु. सैलजा ने हैदराबाद में दलित छात्र द्वारा आत्महत्या करने के प्रकरण में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर गंभीर आरोप जड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी को बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि वे पूरे मामले को जातीयता से जोड़कर पेश कर रही हैं। शिक्षण संस्थाओं में जातियता का खेल भाजपा सरकार को बंद करना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जाट आरक्षण पर गेंद भाजपा के पाले में डालते हुए दलील दी कि अब उनकी सरकार है। यदि पहले सर्वे नहीं हुआ अथवा गलत था तो अब भाजपा को फैसला लेने का हक है। उसके पास समय भी है और मौका भी। सैलजा ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हुड्डा को मुख्यमंत्री बनवाने में उनका भी सहयोग रहा, लेकिन बाद में जो दिक्कतें आई, वह मैं पहले बता चुकी हूं। अब कांग्रेस को फिर से मजबूत करने का वक्त है। सभी को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि लोग चाह रहे कि दोबारा से केंद्र व राज्य में कांग्रेस आए। हरियाणा में दलित सीएम बनाए जाने की पार्टी में उठ रही मांग पर सैलजा ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस हाईकमान और विधायक मिलकर करते हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी द्वारा राज्यसभा को गैर जरूरी बताए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक पार्टी के हिसाब से लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं नहीं चलती।  
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साभारजागरण समाचार 
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