गणतंत्र दिवस समारोह पर मुख्यअतिथि को प्रभावित करने के लिए बच्चों से कराए जाने वाले खतरनाक इवेंट और मार्शल आर्ट के तहत किए जाने वाले करतब इस बार नहीं होंगे। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बच्चों की जान-जोखिम में डालने वाले सभी इंवेट पर राज्य बाल सरंक्षण आयोग ने रोक लगा दी है। आयोग के पास सूचनाएं रही थीं कि इस तरह के इवेंट के अलावा सरकारी समारोह में बच्चों को कई घंटे पहले सर्दी में बुला
लिया जाता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे बच्चे बीमार हो जाते हैं। समारोह में उनके बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होती और खुले मैदान में उन्हें धुंध के बीच खड़ा रहना पड़ता है। आयोग ने इन सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए 7 नियम बनाए हैं। नए नियमों को बनाने में आयोग से जुड़े चार सदस्यों की भूमिका अहम रही। इनमें बालकृष्ण गोयल, परमजीत बड़ोला, सुनीता देवी रमनदीप कौर की शामिल हैं। इन्हें प्रदेश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर भेज दिया है।
आयोग ने जो नियम बनाए हैं, वे सिर्फ सरकारी संस्थानों के लिए नहीं है। निजी शिक्षण संस्थाओं के कार्यक्रम के लिए भी हैं। इसके लिए जिला प्रशासन के अफसरों के जरिए जिला शिक्षा अधिकारियों को वॉच करने के लिए कहा है। -बालकृष्णगोयल, झज्जर सदस्य राज्य बाल संरक्षण आयोग, पंचकूला
ये हैं सात नए नियम:
- बच्चों को कार्यक्रम के समय से बहुत पहले न बुलाया जाए।
- बच्चों को अनावश्यक कई घंटों तक खड़ा न रखा जाए।
- बच्चों को बैठने की व्यवस्था हो, उन्हें ठंडी जमीन पर न बैठाया जाए।
- बच्चों से कोई जोखिम इवेंट , नृत्य मार्शल आर्ट न कराए जाए।
- बच्चों को कार्यक्रम में साफ पानी, शौचालय अल्पाहार की सुविधा हो।
- सर्दी होने के कारण बच्चे अपने ऊनी वस्त्र किसी इवेंट के लिए न उतारें।
- कार्यक्रम में 1:15 के अनुपात में अध्यापक बच्चों के साथ रखें।
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साभार: भास्कर समाचार
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