प्रदेश में स्कूली वाहनों की जांच कर उसका जवाब हाईकोर्ट में 18 फरवरी को दाखिल करने के लिए यह जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट विभाग के बजाय हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग को सौंपी है। आयोग का प्रत्येक सदस्य टीम के साथ 3-4 जिलों में तीन से चार हजार बसों तक की जांच करेंगे। यह जांच एक से छह फरवरी
तक की जाएगी। एक दिन में आयोग को चार जिले की स्कूल बसों की जांच करनी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। स्कूली बसों के नार्म्स पूरे होने के लिए जनहित याचिका लगी है। इसमें स्कूली बसों में हाईकोर्ट की गाइडलाइन पूरी करने के मामला उठाया है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया था कि चालक अनट्रेंड हैं, जिससे बच्चों की जान जोखिम में हैं। बसों में सीसीटीवी स्टाफ नहीं होता। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए आयोग को जांच करने के आदेश दिए थे। वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने आयोग के छह पदाधिकारियों को बसों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक फरवरी को आयोग के पदाधिकारी बाल कृष्ण गोयल टीम के साथ झज्जर, रेवाड़ी, गुड़गांव, फरीदाबाद में जांच करेंगे। दो फरवरी को सुनीता देवी सोनीपत, पानीपत तथा करनाल में, तीन फरवरी को दीपा जैन रोहतक, महेंद्रगढ़ तथा रोहतक, चार फरवरी को रमनदीप कौर कैथल, फतेहाबाद, जींद में स्कूली बसों की जांच करेंगे। पांच फरवरी को परमजीत बडौला अम्बाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और छह फरवरी को सुशील वर्मा भिवानी, पलवल, मेवात तथा सिरसा में बसों की जांच करेंगे।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.